नई दिल्ली: प्रत्येक व्यक्ति एक दिन में लगभग 2 से 3 बार भोजन अवश्य करता है। हमारे जीवन को बचाएं रखने के लिए भोजन बेहद जरूरी है। कई बार कुछ लोग अक्सर छोटी छोटी गलतियां कर देते हैं जिससे उनका स्वास्थ्य बिगड़ना शुरू हो जाता है। पोषक और संतुलित भोजन न करना इसके पीछे बड़ा कारण है। लेकिन इसके अलावा भी कुछ गलतियां हैं, जिन्हें वास्तु शास्त्र में मृत्यु तक का कारण बताया गया है।
आपको बता दें, वास्तु शास्त्र में घर-दफ्तर, फैक्ट्री, पार्क जैसे हर निर्माण कार्य के लिए सही दिशाएं और कई अन्य नियम बताए हैं। इसके अलावा हमारे रोजमर्रा के कामों के लिए भी जरूरी नियम बताए हैं, ताकि हम सुखद, सफल और अच्छा जीवन जी सकें। वास्तु शास्त्र में अन्न के भंडारण से लेकर भोजन बनाने और खाने तक के बारे में भी मार्गदर्शन दिया है। इनकी अनदेखी जीवन में कई बड़ी समस्याओं का कारण बनती है।
• वास्तु शास्त्र के मुताबिक हमेशा पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना चाहिए। इससे व्यक्ति की उम्र बढ़ती है, पाचन शक्ति अच्छी होती है और उसकी सेहत अच्छी रहती है।
• वहीं दक्षिण दिशा की ओर मुख करके भोजन करना अपने हाथों अपनी उम्र कम करना है। दक्षिण दिशा यमराज की दिशा होती है इसलिए इस दिशा में मुंह करके भोजन करना कई समस्याओं का कारण बनता है।
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• ऐसे लोग जो जॉब या कारोबार में हों या ऐसा कोई काम करते हों जिसमें दिमाग का बहुत ज्यादा इस्तेमाल होता हो, उन्हें पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए, इन लोगों में लेखक, शिक्षक, वैज्ञानिक आदि भी शामिल हैं।
• करियर की शुरुआत कर रहे और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लोगों, छात्रों को उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए, इस दिशा की ओर मुख करने से ज्ञान बढ़ता है।
• वास्तुशास्त्र के मुताबिक घर में डाइनिंग हॉल के लिए घर की पश्चिम दिशा सबसे अच्छी मानी गई है, यदि ऐसा संभव न हो तो उत्तर पूर्व या पूर्व दिशा में भी डाइनिंग टेबल रख सकते हैं।