हम सभी के साथ कभी ना कभी तो एक जगह या फिर एक ही पोजीशन में रहने के बाद हाथ पैर सुन्न होने की समस्या हुई होगी। अधिकतर इस प्रकार के मामले जॉब करने वाले व्यक्तियों में देखने को मिलते जो अक्सर घंटो घंटो एक की जगह पर बैठकर काम करते है। पैरों में झनझनाहट होना या फिर इस प्रकार प्रतीत होना की हमारे पैर में बहुत सारी पिन चुबाई जा रही है। इसके बहुत से मामलों में बदन दर्द या फिर कमजोरी भी महसूस होने लगती है।
अक्सर पैरो में झनझनाहट होने के पिछे काफी देर तक एक ही स्थान पर बैठा रहने की वजह से होती है। ऐसा इसीलिए होता है क्योंकि एक ही पोजीशन में बैठे रहने से पैरों की नसों पर प्रेशर पड़ता है, जैसे ही हम अपनी पोजीशन चेंज करते हैं यह ठीक हो जाती है। परंतु बहुत से लोग ऐसे भी होते हैं जिनके साथ पैरो में झनझनाहट के आए दिन मामले सामने आते रहते है। वैसे तो माना जाता है कि ऐसा होना एक गंभीर बीमारी का संकेत होता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से पैरों में होने वाली झनझनाहट के पिछे का कारण और इसे ठीक करने के कुछ उपाय बताने जा रहे है।
1. पैर की नसों जब पड़ता है दबाव
जब हम एक ही जगह एक ही पोजीशन में घंटो घंट बैठते है तो इससे हमारे पैरे की नसों पर दवाब बनता है उस ही वजह ये सुन्न होने की समस्या होने लगती है, पर बहुत ज्यदा तेज झनझनाहट करने लगता है।
इस प्रकार की समस्या से मिपटने के लिए आपके बस अपनी पोजीशन को बदल लेना है। जैसे ही गम पोजीशन चैंज कर लेते है नसों पर पडने वाला दवाब कम हो जाता है और पैर में होने वाली झनझनागट भी कम होने लगती है।
2. डायबिटीज में होती है ये समस्या
पैर में होने वाली झनझनाहट का एक मुख्य कारण डायबिटीज को भी माना जाता है। आपको बता दें हाथों में व पैरों में इस प्रकार की झनझनाहट होना डायबिटीज के शुरुआती लक्षणों को माना जाता है। तलवों से शुरू होकर यह झनझनाहट धीरे-धीरे आपके पूरे पैर में होने लगती है। डायबिटीज के इन शुरुआती लक्षणों के दौरान व्यक्ति के हाथ- पैर सुन्न पढ़ने, पैरों में झनझनाहट और जलन की परेशानी भी देखने को मिलती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें इस बीमारी में मरीजों का ब्लड शुगर बहुत तेजी से हाई होने लगता है और लॉ भी बहुत तेजी के साथ ही होता है। जिससे कि पैरों की नसें डैमेज होने लगती है और वह ठीक तरह से काम नहीं कर पाती।
इस तरह की समस्या से निजात पाने के लिए जरूरी होता है कि डायबिटीज के मरीज को ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रण में रखें।
3. शरीर में Vitamin B12 की मात्रा घटने पर
हाथ पैरों में झनझनागट के पिछे एक मुख्य कारण शरीर में विटामीन B12 की मात्रा को भी माना जाता है। इस प्रकार की समस्या अक्सर 60 वर्ष से अधिक व्यक्तियों में देखने को मिलती है। शरीर में इस विटामीन की मात्रा कम होने पर थकान, मतली होना और पाचन संबंधी समस्याएं सामने आने लगती है।
इस समस्या से निजात पाने के लिए बेहद जरूरी होता है कि शरीर में Vitamin B12 की मात्रा को बढाए जाएं। इसके के लिए आप बजार में मौजूद बहुत से सप्लीमेंट्स का सहारा भी लें सकते है या फिर अंडे, सैल्मन फिश, चीज़ और दूध का सेवन करके भी इसकी मात्रा को बढ़ा सकते है।
4. प्रेग्नेंट होने पर
जब कोई महिला प्रेग्नेंट होती है तो उनके गर्भाशय आकार बढ़ने लगता है और हाथ पैरों की नसों पर दवाब पड़ता है, इससे हाथ पैरों में झनझनाहट महसूस होने लगती है। इस प्रकार के अधिकतर मामले डिलीवरी के बाद बिल्कुल ठीक हो जाते हैं। परंतु यदि इस समस्या के कारण आपके शरीर में कमजोरी या किसी भी प्रकार की सूजन का सामना करना पड़ रहा है, तो आप बहुत जल्द अपने डॉक्टर से संपर्क करें ये किसी गंभीर समस्या का संकेत भी हो सकता है।
ऐसे में आप खुद को आराम दें, पैरों को लटकाएं ना, हर थोड़ी देर में पोजीशन चेंज करें और हाइड्रेटेड रहें।
5. अत्यधिक शराब का सेवन
यदि आप काफी समय से शराब का सेवन कर रहे हैं तो आपको बता दें इसकी अत्यधिक मात्रा हमारे शरीर की नसों को डैमेज करती है। महिलाएं हो या पुरुष दोनों के लिए ही ड्रिंक का सेवन करने से हाथ पौरे में झनझनागट महसूस होने लगती है।
अधिक मात्रा में शराब का सेवन करने के बाद आपको अपने शरीर में इस प्रकार के लक्षण दिखने मिल सकते हैं जैसे हाथ-पैरों में कमजोरी आना, पैर व हाथों की उंगलियों में सेंसेशन का कम होना या फिर जब आप चल रहे हैं तो आपका चलते-चलते बैलेंस बिगड़ जाना। इससे छुटकारा पाने के लिए अच्छा होगा कि आप शराब का सेवन करना बिल्कुल ही छोड़ दें।
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Disclaimer
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