भारतीय संस्कृति व सभ्यता विश्व की सर्वाधिक प्राचीन एवं समृद्ध संस्कृति व सभ्यता है। इसे विश्व की सभी संस्कृतियों की जननी माना जाता है। जीने की कला हो, विज्ञान हो या राजनीति का क्षेत्र भारतीय संस्कृति का सदैव विशेष स्थान रहा है। हमारे देश को आज़ाद हुए 74 साल हो चुके हैं। इन 74 सालों में देश में काफी कुछ बदल गया है। भारत विकास के मार्ग पर भी काफी आगे लिकल चुका है। हमारे देश के लोग हर क्षेत्र में आगे रहते हैं, चाहे वो खेल हो, राजनीति हो, सिनेमा हो या कोई और काम। यहां तक की आजादी के वक्त हम 34 करोड़ थे और वर्तमान (2022) में भारत की जनसंख्या लगभग 140 करोड़ हो गई है। हमारे देश का इतिहास काफी अच्छा रहा है।
भारत ने नहीं किया कभी कोई हमला
इन दिनों Russia-Ukraine के बीच तनातनी का माहौल है। Russia ने जंग छेड़ दी है। ऐसा पहली बार नहीं है कि किसी देश ने किसी अन्य देश पर हमला किया हो। इससे पहले भी कई बार ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जहां कभी किसी देश ने आतंकी हमले किए तो कभी किसी देश ने किसी और तरीके सा हमले किए हो। लेकिन अगर भारत की बात की जाए तो हमारा देश शांति का प्रतीक है। गांधी जी तो नहीं है लेकिन उनकी सीख अब भी हमारे देश की मिट्टी में है। भारत ने आज तक कभी किसी देश पर खुद से पहले हमला नहीं किया, लेकिन जब भी भारत पर हमले हुए हैं, हमारे सैनिकों ने मुहतोड़ जवाब दिया है। देश में कई आतंकवादी हमले हुए हैं। हालांकि, आतंकवाद से आज पूरी दुनिया झुलस रही है। पिछले कुछ वर्षों में भारत आतंकियों के निशाने पर सबसे ज्यादा रहा है लेकिन हर बार की तरह हमारे सैनिकों ने इसका मुहतोड़ जवाब दिया है। आज इसी बीच हम उन आतंकी हमलों के बारे में आपको बताएंगे जिनसे सबका दिल दहल गया।
1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट
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12 मार्च 1993 को मुंबई ने पहली बार सीरियल बम ब्लास्ट का सामना किया था। इस दिन मुंबई के अलग-अलग हिस्सों में कुल 12 धमाके हुए, जिसमें 257 लोगों की जान गई थी जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। ये धमाके माहिम सेतु के पास मछुवारों की कॉलोनी में, जवेरी बाजार, प्लाजा सिनेमा, सेंचुरी बाजार, काथा बाजार, होटल सी रॉक, सहार एयरपोर्ट टर्मिनल, एयर इंडिया बिल्डिंग, होटल जूहू सेंटूर, वर्ली, मुंबई स्टॉक एक्सचेंज बिल्डिंग में हुए थे।
26/11 मुंबई आतंकी हमला
भारत के इतिहास सबसे बड़ा 26/11 का हमला है। इस हमले को देश कभी नहीं भूल सकेगा, जब पूरी मुंबई में लाशों का ढ़ेर जमा हुआ था। जब 10 आतंकवादी समुद्र के रास्ते मुंबई आये और निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाना शुरू कर दिया। इन आतंकियों ने नरीमन हाउस, ताज होटल और ओबेरॉय ट्राइडेंट होटल पर कब्ज़ा कर लिया था और सीरियल बम धमाके भी किए। इसमें कुल 166 लोग मारे गए थे और 293 लोग घायल हुए थे। आतंकी कसाब पकड़ा गया था, जबकि नौ आतंकी मारे गए। इसके अलावा छत्रपति शिवजी टर्मिनस, लियोपोल्ड कैफ़े, कामा हॉस्पिटल और मेट्रो सिनेमा पर भी हमले किये। इस हमले में एकमात्र आतंकी अजमल आमिर कसाब पकड़ा गया, जिसे बाद में फांसी की सजा दी गई।
2005 दिल्ली सीरियल बम ब्लास्ट
दीपावली से ठीक दो दिन पहले जब देश दियों से सजने के लिए तैयार था, उसी दौरान 29 अक्टूबर 2005 को दिल्ली में एक सीरियल बम ब्लास्ट हुआ। इस ब्लास्ट ने पूरी राजधानी को दलहा दिया था। ये हमले दिल्ली की सबसे व्यस्त मार्केट सरोजनी नगर और पहाड़गंज में हुए थे। धनतेरस की भीड़ के बीच हुए इन हमलों ने कई लोगों का परिवार खत्म कर दिया था। तीसरा धमाका गोविंदपुरी में एक डीटीसी बस में हुआ। हालांकि बस कंडक्टर ने जब संदिग्ध सामान देखा तो उसने तुरंत बस को खाली करवा लिया। तीनों धमाकों में कुल 63 लोगों की मौत हुई, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे।
2006 मुंबई ट्रेन धमाके
मुंबई कई बार इन हमलों का शिकार हुआ है। 11 जुलाई 2006 को मुंबई की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेनों में 7 बम धमाके हुए थे। यह धमाके शाम के वक्त जब लोग दफ्तरों से घरों की ओर लौट रहे थे उस दौरान हुए। इन धमाकों में लगभग 210 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। सभी बम ट्रेनों की फर्स्ट क्लास कोच में प्रेशर कुकर में छिपाकर रखे गए थे।
2008 जयपुर धमाके
राजस्थान की राजधानी और पिंक सिटी नाम से मशहूर जयपुर में 13 मई 2008 को 15 मिनट के अंदर 9 बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में 63 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। आतंकवादियों ने कुल 10 बम रखे थे और 10वें बम को फटने से पहले ही बरामद करके डिफ्यूज कर दिया गया था।
पठानकोट आतंकी हमला
जनवरी 2016 में आतंकियों ने पंजाब के पठानकोट एयर फोर्स स्टेशन को निशाना बनाकर पूरे देश को हिला कर रख दिया। यह आतंकी हमला लगातार पांच दिनों तक जारी रहा। इसमें 7 जवान शहीद हो गए थे, जवाब में हमारे जवानों ने 6 आतंकियों को भी मौत के घाट उतार दिया था।
30 अक्टूबर 2008 असम में धमाके
30 अक्टूबर 2008 में राजधानी गुवाहाटी के अलग-अलग जगहों आतंकियों ने कुल 18 धमाके किए थे। इन धमाकों में कुल 81 लोग मारे गए जबकि 470 लोग घायल हुए थे।
भारतीय संसद पर हमला
13 दिसंबर 2001 को लश्कर ए तैयबा और जैश मोहम्मद के 5 आतंकी संसद भवन परिसर में घुस गए थे। हालांकि आतंकी इस बार अपने मंसूबे में नाकाम रह गए इससे पहले वो कुछ करते सुरक्षा बलों ने आतंकियों को मार गिराया। हमले के समय संसद भवन में 100 राजनेता मौजूद थे। इस हमले में 6 पुलिसकर्मी और 3 संसद भवन कर्मी मारे गए थे।
कोयम्बटूर धमाका
14 फरवरी 1998 को इस्लामिक ग्रुप अल उम्माह ने कोयम्बटूर में 11 अलग-अलग जगहों पर 12 बम धमाके किए। इसमें 200 लोग घायल हुए जबकि 60 लोग मारे गए थे।
अक्षरधाम मंदिर
24 सितंबर 2002 को लश्कर और जैश ए मोहम्मद के 2 आतंकी अक्षरधाम मंदिर में घुस गए। ऑटोमैटिक हथियारों और हैंड ग्रेनेड से उन्होंने वहां मौजूद लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया। इसमें 31 लोग मारे गए जबकि 80 लोग घायल हो गए थे।