हिंदू धर्म में अमावस्या को बहुत महत्व दिया जाता है और एक साल में करीब 12 अमावस्या आती है। जिनमें पूजा करने से पितरों का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। साल 2022 की दूसरी अमावस्या 1 फरवरी को है। इस अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है।
ऐसा कहा जाता है कि मौनी अमावस्या कालसर्प दोष को दूर करने के लिए सबसे अधिक लाभदायक होती है और इस दिन कुछ ज्योतिष उपायों को किया जाए तो कालसर्प दोष से मुक्ति भी पाई जा सकती है।
कैसे होता है कालसर्प दोष ?
ऐसा कहा जाता है कि कुंडली में कालसर्प दोष तब होता है, जब राहु-केतु 180 डिग्री पर आमने-सामने आ जाते है और बाकी 7 ग्रह इनके दूसरी ओर चले जाते है।
Advertisement
कालसर्प दोष के लक्षण क्या होते है ?
आपकी कुंडली में कालसर्प दोष है कि नहीं इसकी जानकारी कुछ लक्षणों को पहचानकर की जा सकती है। जैसे कि जिन लोगों को सपने में सांप दिखते हो, कार्य में केवल असफलता ही हाथ लगती हो, पारिवारिक जीवन अशांत रहता हो। तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति के जीवन में कालसर्प दोष है।
कालसर्प दोष को दूर करने के उपाय
चलिए अब जान लेते है कि मौनी अमावस्या के दिन कौन से ज्योतिष उपायों को कर कालसर्प दोष से मुक्ति पाई जा सकती है।
गंगा स्नान कर सकते है
अगर मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान किया जाए तो इससे सभी पाप और ग्रह दोष मिट जाते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन सभी देवी-देवता गंगा नदी में वास करते है।
चांदी के नाग-नागिन की करें पूजा
अगर मौनी अमावस्या के दिन चांदी के नाग और नागिन का जोड़ा बनाकर उनकी पूजा की जाए और पूजा के बाद किसी भी बहती हुई नदी में प्रवाहित किया जाए। तो इससे कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है।
प्रयागराज में पितरों के लिए तर्पण
अगर मौनी अमावस्या के दिन प्रयागराज में जाकर पितरों के लिए तर्पण, पिंडदान, श्राद्धकर्म आदि किए जाते है। तो इससे भी कालसर्प दोष से मुक्ति मिल जाती है और इस उपाय को करने से पितृ दोष भी दूर हो जाता है।
सफाईकर्मी को करें दान
अगर मौनी अमावस्या के दिन स्नान के बाद मसूर की दाल एवं कुछ रुपये लेकर उसे सफाईकर्मी को दान किए जाए। तो इससे भी कालसर्प दोष दूर होता है।
भगवान शिव जी की पूजा
अगर मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान करने के बाद भगवान शिव जी की पूजा की जाए और साथ में शिव तांडव स्तोत्र का पाठ किया जाए। तो इससे भी कालसर्प दोष दूर होता है।