भारतीय महिला क्रिकेट टीम की स्टार स्मृति मंधाना को कौन नहीं जानता। स्मृति ने अपने खेल से करोड़ो हिंदुस्तानियों का दिल गर्व से ऊंचा किया है। वे एक बेहतरीन क्रिकेट खिलाड़ियों की लिस्ट में शुमार में हैं। यहां जानें उनसे जुडी कुछ रोचक बातें। स्मृति मंधाना के घर में उनके पिता, मां और भाई रहते हैं। उनके पिता और भाई भी क्रिकेटर है और उनके भाई और पिता ने सांगली के लिए जिला स्तर पर क्रिकेट खेला है। मंधाना ने क्रिकेट खेलने के लिए इंस्पिरेशन अपने भाई से लिया है। 9 साल कि उम्र में उनका टीम में सेलेक्शन हुआ था। वहां से लेकर इंडियन वीमेन क्रिकेट टीम की स्टार बनने तक का उनका सफर उतार-चढ़ाव से भरा हुआ रहा है।
स्मृति मंधाना को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था। महज 9 साल की उम्र में उन्हें महाराष्ट्र की अंडर-15 टीम में चुना गया था। इसके बाद वह 11 साल की उम्र में अंडर -19 टीम के लिए चुनी गई थीं। इस वक्त में उन्होंने कई मुकाम अपने नाम किए। साल 2013 में उन्हें डोमैस्टिक क्रिकेट में पहली सफलता मिली और वह वन डे मैच में गुजरात के खिलाफ डबल सेंचुरी बनाने वाली पहली महिला क्रिकेटर बनी थी।
उनके इंटरनेशन मैच खेलने की शुरुआत साल 2013 में बांग्लादेश के खिलाफ वनडे टेस्ट में हुई थी। इसके बाद साल 2014 में स्मृति मंधाना ने इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेला था। इसके बाद साल 2017 में दोबारा स्मृति मंधाना ने इंग्लैंड के खिलाफ खेलते हुए 90 रन बनाएं। उनके इस बेहतरीन बल्लेबाजी के बाद ही इंडियन वीमने क्रिकेट टीम वर्ल्ड कप के फाइनल में पहुंची थी।
वर्ल्ड टी 20 कप 2014 के लिए स्मृति मंधाना को अपनी 12वीं की परीक्षा छोड़नी पड़ी थी। इसके बाद वह कॉलेज में भी नहीं जा पाई क्योंकि उन्हें इंग्लैंड दौरे के लिए जाना था। इसके अलावा स्मृति मंधाना 10वीं कक्षा के बाद साइंस की फील्ड में पढ़ना चाहती थी, पर उनकी मां ने उन्हें कॉमर्स लेने के लिए कहा, क्योंकि उन्हें लगता था कि स्मृति क्रिकेट खेलने के साथ-साथ पढ़ाई को बैलेंस नहीं कर पाएंगी। बता दें कि स्मृति मंधाना कुमार संगकारा को अपनी इंस्पिरेशन मानती हैं। अक्सर स्मृति को नेट में खेलने के दौरान कुमार संगकारा के खेलने के स्टाइल को कॉपी करते हुए देखा गया है। इस बात के लिए उन्हें कई बार टोका भी गया है। लेकिन अपने बेहतरीन खेल की वजह से वो दुनिया के टॉप बल्लेबाजों में गिनी जाती हैं।
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