17.1 C
Delhi
गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
Recommended By- BEdigitech

किसी ने 10 रूपए में किया इलाज, तो किसी ने बेचे पूरे परिवार के गहने, साल 2021 में इन लोगों ने दिखाई दरियादिली, जानें इनके बारे में

साल 2021 अब खत्म होने में कुछ ही वक्त रह गया है। इस साल में काफी कुछ अलग देखने को मिला। देश को इस दौरान कई तकलीफों का भी सामना करना पड़ा। वहीं, कई लोग इस मुश्किल की घड़ी में भगवान का रूप लेकर आए। लोगों ने अपना सारा काम छोड़कर पूरी तरह से देश सेवा में लीन हो गए। लोगों ने अपनी सारी परेशानी छोड़कर दूसरों की मदद की। ऐसे लोगों को भगवान का दूसरा रूप भी कहा जाता है। यहां जानें ऐसे ही कुछ लोगों के बारे में जिन्होनें अपनी दरियादिली दिखाई और लोगों की मदद की। आइए जानते हैं इन लोगों के बारे में।

पपिया कर
हाल ही में सोशल मीडिया पर एक खबर वायरल हुई जिसमें एक महिला देश के सामने एक नया उदाहरण रखा और सबका दिल जीत लिया। अक्सर शादी में काफी मात्रा में खाना बच जाता है। जिसे ज्यादातर लोग फेंक देते हैं। लेकिन, कोलकाता की रहने वाली पपिया कर ने एक नया उदाहरण पेश किया है। पपिया कर के भाई के रिसेप्शन का खाना बच गया था, लेकिन उस खाने को फेंकने की बजाय महिला ने देर रात को रानाघाट स्टेशन पर जरूरत मंदो को सारा खाना बांट दिया। उनका ये वीडियो लगातार लोगों का दिल जीत रहा है।

ऑक्सीजन यूनिट के लिए दंपत्ति ने बेची ज्वेलरी
योगेश और सुमेधा चितले ने सियाचिन बेस अस्पताल के 20, 000 सैनिकों के लिए ऑक्सीजन देने के लिए अपने पूरे परिवार के गहने बेच दिए थे। उनके गहनों की कीमत करीब 1.25 करोड़ थी। जिसकी मदद से उन्होंने सियाचिन पर मौजूद सैनिकों की मदद की। उनकी इस दरियादिली के चलते उन्हें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सम्मानित भी किया गया।

बाढ़ के दौरान भी नर्स ने किया कोविड मरीजों का इलाज
गुजरात के वडोदरा के सर सयाजीराव जनरल अस्पताल की नर्स भानुमति घीवला ने बाढ़ के दौरान कोविड से पीड़ित गर्भवती महिलाओं की डिलवरी कराई। उनके इन प्रयासों और दूसरों की मदद करने के चलते उन्हें फ्लोरेंस नाइटिंगेल अवार्ड से सम्मानित किया गया है।

Advertisement

राधिका राजे ने की बेरोजगार लोगों की मदद
गुजरात के शाही परिवार की राधिका राजे ने कोरोना काल के दौरान कई बेरोजगार लोगों काफी मदद की। जिन छोटे स्तर के कारीगरों ने अपनी नौकरी खो दी थी वो उन लोगों के लिए सहारा बनी। राधिका राजे ने कोरोना काल के दौरान 700 से अधिक परिवारों की मदद की।

8 घंटे तक भूखे-प्यासे रहकर मरीजों की सेवा
अहमदाबाद के सिविल अस्पताल की स्टाफ नर्स जेबा चोखावाला ने कोराना काल के दौरान 8 घंटे तक भूखे- प्यासे रहकर कोरोना के मरीजों की सेवा की। आपको बता दें कि जिस वक्त उनकी ड्यूटी लगाई गई थी उस समय रोज़े चल रहे थे, उस दौरान उन्होंने कैंसर से पीड़ित बीमार मां को छोड़कर मरीजों की सेवा की।

10 रूपये में इलाज करने वाली महिला डॉक्टर
आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले की डॉ नूरी परवीन आर्थिक रूप से कमजोर और बीमार लोगों की केवल 10 रूपये में मदद करती हैं। उन्होनें इलाज की फीस केवल दस रूपये इसलिए रखी है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर लोग आसानी से अपना इलाज करवा सकें।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles