25.1 C
Delhi
गुरूवार, नवम्बर 21, 2024
Recommended By- BEdigitech

मुंबई कोर्ट ने लगाई एक बीमा कंपनी को फटकार, आदेश में कहा ‘टायर फटना एक्ट ऑफ गॉड नहीं’, कंपनी को देना पड़ेगा मुआवजा ?

मुआवजा ना देने के चलते मुंबई कोर्ट ने एक बीमा कंपनी को फटकार लगाई, दरअसल, मुंबई कोर्ट में एक सड़क दुर्घटना को लेकर सुनवाई चल रही थी, जिसे एक बीमा कंपनी ने दायर किया था, बीमा कंपनी ने अपनी याचिका में कहा था कि उस व्यक्ति की मौत टायर फटने से हुई है जो कि एक्ट ऑफ गॉड है।

इसलिए कंपनी उस व्यक्ति के परिवार को कोई पैसा नहीं देगी लेकिन कोर्ट ने इस याचिका का खंडन करते हुए कहा कि गाड़ी का टायर फंटना एक्ट ऑफ गॉड नहीं है बल्कि ये मानवीय लापरवाही है और इसलिए उस कंपनी को परिवार को मुआवजा देना ही पड़ेगा।

बता दें कि ये सुनवाई जस्टिस एसजी डिगे की एकल पीठ में हो रही थी। इस सुनवाई में कोर्ट ने अपने आदेश में न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड की मोटर एक्सिडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल के 2016 के एक फैसले के खिलाफ दायर अपील को खारिज करते हुए पीड़ित मकरंद पटवर्धन के परिवार को 1.25 करोड़ रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया।

बताया जा रहा है कि ये हादसा 25 अक्टूबर, 2010 को हुआ था जब पटवर्धन अपने दो साथियों के साथ पुणे से मुंबई अपनी कार में आ रहे थे। इस दौरान उनकी गाड़ी का पिछला टायर अचानक फट गया जिससे गाड़ी का संतुलन बिगड़ने से गाड़ी खाई में जा गिरी। इस हादसे में पटवर्धन की मौके पर ही मौत हो गई थी।

Advertisement

Table of Contents

बीमा कंपनी ने क्या दायर की याचिका ?

मुंबई कोर्ट

ये भी पढ़े आखिर पकड़ा गया Punjab के सिंगर Sidhu Moosewala की Family और Salman Khan को धमकी देने वाला शख्स, आरोपी की उम्र जानकर आप भी…

ट्रिब्यूनल ने अपना आदेश देते हुए कहा था कि पीड़ित अपने परिवार का एकमात्र ऐसा व्यक्ति था जिसकी कमाई से पूरे परिवार का पेट भरता था लेकिन उसकी मौत के बाद परिवार की देखरेख करने वाला कोई नहीं है, इस पर बीमा कंपनी का कहना था कि मुआवजे की राशि काफी ज्यादा और टायर फटना कोई मानवीय लापरवाही नहीं बल्कि एक्ट ऑफ गॉड है।

जिससे कंपनी इस केस में मुआवजा नहीं दे सकती, जिसके बाद इस अपील को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि एक्ट ऑफ गॉड का डिक्शनरी में अर्थ संचालन में बेकाबू प्राकृतिक शक्तियों का एक उदाहरण है और अगर इस घटना को देखा जाए तो टायर फटना ईश्वर का कार्य नहीं है बल्कि ये पूरी तरह से मानवीय लापरवाही है, इसलिए परिवार को मुआवजा तो देना ही पड़ेगा।

कोर्ट ने क्या दिया आदेश ?

अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि टायर फटना ईश्वर के द्वारा किया गया कार्य नहीं है, ये कई कारण की वजह से हो सकता है जैसे कि तेज रफ्तार कम हवा या फिर सेकेंड हैंड टायर। इसलिए इसे एक्ट ऑफ गॉड से नहीं जोड़ा जा सकता।

कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि कार के ड्राइवर को यात्रा करने से पहले टायर के स्थिति की जांच करवानी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया जिससे ये साफ हो जाता है कि ये पूरी तरह से मानवीय लापरवाही ही है। इसलिए कंपनी इसे एक्ट ऑफ गॉड कहकर नहीं बच सकती, कंपनी को परिवार को मुआवजा देना ही होगा।

ये भी पढ़े अमेरिका का 16वां सबसे बड़ा सिलिकॉन वैली बैंक हुआ बंद, घाटे और फंडिंग न मिलने से 60% गिरे शेयर

शुभम सिंह
शुभम सिंह
शुभम सिंह शेखावत हिंदी कंटेंट राइटर है। वह कई टॉपिक्स पर आर्टिकल लिखना पसंद करते है जैसे कि हेल्थ, एंटरटेनमेंट, वास्तु, एस्ट्रोलॉजी एवं राजनीति। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। वह कई समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम कर चुके है।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles