नई दिल्ली: दक्षिण अफ्रीका में पाया गया नया कोविड वेरिएंट ऑमिक्रॉन 15 देशों में फैल चुका है। भारत भी वेरिएंट के संभावित खतरे के चलते अलर्ट पर आ गया है। वहीं इससे दूरी बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने सोमवार को अंतराष्ट्रीय यात्रा कर भारत लौटे लोगों के लिए रिवाइज्ड कोविड गाइडलाइन जारी की है। इसमें निरंतर कोविड टेस्ट से लेकर सख्त क्वारांटीन को भी शामिल किया गया है। केंद्र ने पहले राज्यों से भी सीमा में प्रवेश कर रहे यात्रियों की टेस्टिंग और दूसरे कदम उठाने के लिए कहा था।
कुछ इस प्रकार है नए नियम..
अंतराष्ट्रीय यात्रा से लौटे लोगों को एयरपोर्ट पर ही Self-Declaration फॉर्म भरना होगा। इसके साथ एक नेगेटिव RT-PCR रिपोर्ट अटैच करनी होगी। किसी एक शर्त के भी पूरे न होने पर भारत में एंट्री नहीं दी जाएगी।
आपको बता दें भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को एक नोटिस जारी कर ब्राजील, न्यूजीलैंड, बोत्सवाना, द. अफ्रीका, ब्रिटेन, यूरोप और इजरायल जैसे देशों को ‘रिस्क कंट्री’ में रखा है। इनमें से कई देशों में कोरोना का नया रूप पाया गया है। केंद्र की जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक इन देशों से आने वाले लोगों को हवाईअड्डे पर अपना सैंपल RT-PCR के लिए देना होगा। किसी सैंपल के कोविड संक्रमित पाए जाने पर उसे जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा। अगर टेस्ट में ‘ऑमिक्रॉन’ वेरिएंट की पुष्टि होती है तो सख्त क्वारींटीन नियम लागू होंगे। रिस्क श्रेणी के देशों से आऩे वाले लोग जो कि कोविड नेगेटिव पाए जाएंगे, उन्हें सात दिनों तक आइसोलेशन में रहना होगा और फिर 8वें दिन उनका कोविड टेस्ट किया जाएगा।
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साथ ही वह लोग जो ‘रिस्क’ से बाहर वाले देशों से आ रहे हैं और जिनका कोविड टेस्ट नेगेटिव होगा, उन्हें अपनी आप को कम से कम दो हफ्तों तक कड़ी निगरानी करने सलाह दी गई है। यह वह नियम हैं जो कि टीकाकृत और गैर टीकाकृत लोगों दोनों पर समान रूप से लागू हैं।
केंद्र सरकार रेग्यूलर अंतराष्ट्रीय फ्लाइट फिर से शुरू करने के अपने फैसले की समीक्षा कर रहा है। सरकार का एक पैनल ‘वैश्विक स्थितियों’ को देखते हुए, अंतराष्ट्रीय उड़ानों को रज़मंदी देने की प्रभावी तारीख पर बैठक करेगा। आपको बता दें इससे पहले केंद्र ने आम अंतराष्ट्रीय उड़ानों को 15 दिसंबर से फिर से शुरू करने का ऐलान किया था। अब तक भारत से यात्री 31 देशों के साथ एयर बबल समझौते के तहत यात्रा कर रहे हैं जबकि कुछ चुनिंदा मार्गों पर हालातों के मद्देनज़र कमर्शियल फ्लाइट ऑपरेट हो रही हैं।
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कितना खतरनाक ऑमिक्रॉन वेरिएंट….
दक्षिण अफ्रीका समेत अन्य देशों में ओमिक्रॉन इंफेक्शन के प्रारंभिक विश्लेषण के आधार पर इसे डेल्टा वैरिएंट से छह गुना ज्यादा ताकतवर यानी ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। डेल्टा वही वैरिएंट है जिसने भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान तबाही मचाकर रख दी थी। यह वैरिएंट इम्यून सिस्टम को भी चकमा दे सकता है। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ओमिक्रॉन पिछले वैरिएंट्स से ज्यादा संक्रामक है और वैक्सीनेशन या नेचुरल इंफेक्शन से होने वाले इम्यून रिस्पॉन्स को भी बेअसर कर सकता है।
खबरों के मुताबिक, ओमिक्रॉन में वायरस का अब तक का सबसे ज्यादा म्यूटेट वर्जन देखा गया है। इतने सारे म्यूटेशन इससे पहले कभी भी एक ही वायरस में नहीं देखे गए हैं। यही वजह है कि नए वैरिएंट को लेकर वैज्ञानिक बहुत चिंतित हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओमिक्रॉन पिछले बीटा और डेल्टा वेरिएंट से आनुवांशिक रूप से अलग है, लेकिन इस बात की अभी कोई जानकारी नहीं है कि ये जेनेटिक बदलाव इसे ज्यादा खतरनाक बनाते हैं या नहीं।
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ओमिक्रॉन वेरिएंट के लक्षण…
दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान करने वाली डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने बीबीसी से कहा, ‘मैंने इसके लक्षण सबसे पहले कम उम्र के एक शख्स में देखे थे जो तकरीबन 30 साल का था।’ उन्होंने बताया कि मरीज को बहुत ज्यादा थकान रहती थी। उसे हल्के सिरदर्द के साथ पूरे शरीर में दर्द की शिकायत थी। उसे गला छिलने जैसी दिक्कत भी थी। हालांकि, उसे ना तो खांसी थी और ना ही लॉस ऑफ टेस्ट एंड स्मैल (स्वाद और गंध की क्षमता खत्म होना) जैसा कोई लक्षण दिख रहा था। डॉक्टर ने मरीजों के एक छोटे से समूह को देखकर ही ये प्रतिक्रिया दी थी। अधिकांश लोगों में इसके लक्षण कैसे होंगे, इसे लेकर उन्होंने कोई स्पष्ट दावा नहीं किया है।
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