नई दिल्ली: साल के दूसरे महीने यानी फरवरी की शुरुआत होते ही अधिकतर लोगों को वैलेंटाइन विक का बेसब्री से इंतजार रहता है। अधिकतर लोग वैलेंटाइन डे को स्पेशल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते। लेकिन क्या कभी आपके दिमाग में भी यह सवाल आया है कि वैलेंटाइन डे 14 फरवरी को ही क्यों मनाया जाता है। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे क्यों मनाया जाता है और इस दिन से जुड़ी कुछ रोचक बातें।
वेलेंटाइन डे का इतिहास (valentine Day ka itihaas)
Valentine de ki kahani रोम के एक संत पर आधारित मानी जाती है जिस संत का नाम वेलेंटाइन था। आपको बताते 270 ईसवी में क्लाउडियस जोकि रोम के राजा थे वह प्रेम के बिल्कुल खिलाफ थे। क्लाउडियस हमेशा ही लव मैरिज का भी विरोध किया करते थे। राजा का मानना था कि यदि प्रेम को राज्य में बढ़ावा मिलने लग गया तो सैनिकों का ध्यान भंग भी हो सकता है। यदि ऐसा होता है तो रूम की सेना कमजोर हो जाएगी और यही कारण रहा था कि किंग क्लाउडियस कि सेना के सभी सैनिकों कि शादी करने पर भी रोक लगी हुई थी।
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संत वेलेंटाइन की कहानी ( sant valentine ki kahani)
रोम में जहां क्लाउडियस प्रेम के विरोध करते थे तो वही दूसरी तरफ संत वैलेंटाइन प्यार का खुलकर प्रचार किया करते थे। संत वैलेंटाइन डे नात शरीफ किंग क्लाउडियस के विचारों को गलत ठहराया बल्कि किंग के खिलाफ जाकर कई लोगों की शादियां भी करवाई। फिर इसके बाद रुम के राजा ने संत वैलेंटाइन को फांसी की सजा सुना दी और यह फांसी की सजा 14 फरवरी के दिन ही संत वेलेंटाइन डे को दी गई थी। इसके बाद से ही रोम के साथ-साथ पूरी दुनिया में 14 फरवरी को प्यार का दिन माना जाने लगा है और दुनिया भर में valentine Day मनाना शुरू हो गया।
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वेलेंटाइन डे की शुरुआत ( valentine de ki shuruaat)
Valentine Day की शुरुआत रोमन के फेस्टिवल के द्वारा की गई थी। आपकी जानकारी के लिए बता दे दुनिया का सबसे पहला वेलेंटाइन डे 496 में सेलिब्रेट किया गया था। इसके बाद पांचवी शताब्दी आने पर रोम के पॉप गैलेक्सी एस ने फरवरी की 14 तारीख को सैंट वेलेंटाइन डे को घोषित करने की घोषणा की थी। 5वीं शताब्दी साल लगभग सभी लोग 14 फरवरी को वेलेंटाइन डे के रूप में मनाते आए हैं। इसके अलावा कई लोग रोम में अलग-अलग शहरों में 14 फरवरी के दिन सामूहिक विवाह कराने का भी आयोजन करते हैं।