27.1 C
Delhi
शनिवार, नवम्बर 23, 2024
Recommended By- BEdigitech

जानिए क्या खास है इस धनतेरस पर? सही समय पर पूजा करेंगे तो बरसेगी लक्ष्मी जी की कृपा।

धनतेरस 2021 की तारीख व मुहूर्त;

02 November 2021

धनतेरस मुहूर्त :

18:18:22 से 20:11:20 तक

Advertisement

अवधि :

1 घंटे 52 मिनट

प्रदोष काल :

17:35:38 से 20:11:20 तक

वृषभ काल :

18:18:22 से 20:14:13 तक

धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाने वाला त्यौहार है। धन तेरस को धन त्रयोदशी व धन्वंतरि जंयती के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धन तेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है। धन्वंतरि देव जब समुद्र मंथन से प्रकट हुए थे उस समय उनके हाथ में अमृत से भरा कलश था। इसी वजह से धन तेरस के दिन बर्तन खरीदने की परंपरा है। धनतेरस पर्व से ही दीपावली की शुरुआत हो जाती है।

धन तेरस का शास्त्रोक्त नियम

  1. धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष की उदयव्यापिनी त्रयोदशी को मनाई जाती है। यहां उदयव्यापिनी त्रयोदशी से मतलब है कि, अगर त्रयोदशी तिथि सूर्य उदय के साथ शुरू होती है, तो धनतेरस मनाई जानी चाहिए।
  2. धन तेरस के दिन प्रदोष काल (सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त) में यमराज को दीपदान भी किया जाता है। अगर दोनों दिन त्रयोदशी तिथि प्रदोष काल का स्पर्श करती है अथवा नहीं करती है तो दोनों स्थिति में दीपदान दूसरे दिन किया जाता है।

धनतेरस की पूजा विधि और धार्मिक कर्म

मानव जीवन का सबसे बड़ा धन उत्तम स्वास्थ है, इसलिए आयुर्वेद के देव धन्वंतरि के अवतरण दिवस यानि धन तेरस पर स्वास्थ्य रूपी धन की प्राप्ति के लिए यह त्यौहार मनाया जाना चाहिए।

  1. धनतेरस पर धन्वंतरि देव की षोडशोपचार पूजा का विधान है। षोडशोपचार यानि विधिवत 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना। इनमें आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन (सुगंधित पेय जल), स्नान, वस्त्र, आभूषण, गंध (केसर-चंदन), पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, आचमन (शुद्ध जल), दक्षिणायुक्त तांबूल, आरती, परिक्रमा आदि है।
  2. धनतेरस पर पीतल और चांदी के बर्तन खरीदने की परंपरा है। मान्यता है कि बर्तन खरीदने से धन समृद्धि होती है। इसी आधार पर इसे धन त्रयोदशी या धनतेरस कहते हैं।
  3. इस दिन शाम के समय घर के मुख्य द्वार और आंगन में दीये जलाने चाहिए। क्योंकि धनतेरस से ही दीपावली के त्यौहार की शुरुआत होती है।
  4. धनतेरस के दिन शाम के समय यम देव के निमित्त दीपदान किया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से मृत्यु के देवता यमराज के भय से मुक्ति मिलती है।

धनतेरस कितनी तारीख को है?

वर्ष 2021 में धनतेरस भारत और अन्य देशों में 2 नवंबर को मनाया जायेगा। धनतेरस का पर्व दिवाली से एक दिन पहले मनाया जाता है और इस दिन खरीदारी करने का विशेष महत्व बताया गया है।

  1. धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए?
    धनतेरस के दिन नई चीज़ें जैसे सोना, चाँदी, पीतल, खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इसके अलावा इस दिन धनिया खरीदना और झाड़ू खरीदना भी बेहद शुभ होता है।
  2. धनतेरस क्यों मनाया जाता है?
    धनतेरस धन्वंतरि के प्रकट होने के दिन के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है दिवाली से दो दिन पहले धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसलिए धनतेरस को धन्वंतरि जयंती भी कहा जाता है।
  3. धनतेरस पूजा विधि क्या है?
    धनतेरस के दिन धन्वंतरि देव की षोडशोपचार विधि से पूजा की जाती है। इसके बाद शाम को मुख्य द्वार और आंगन में दीप जलाये जाते हैं। धनतेरस के दिन शाम के समय यम देवता के नाम का भी दीपक जलाया जाता है।
  4. धनतेरस पर क्या खरीदें और क्या नहीं?
    धनतेरस के दिन सोने, चांदी और पीतल की वस्तुओं, और झाड़ू खरीदना शुभ होता है। हालांकि इस दिन काले या गहरे रंग की चीज़ें, चीनी मिट्टी से बनी चीज़ें, कांच, एल्युमीनियम, और लोहे से बनी चीज़ें नहीं खरीदनी चाहिए।
  5. धनतेरस पर कौन सी झाड़ू खरीदे?
    धनतेरस के दिन फूल वाली झाड़ू यानि जिससे घर में झाड़ू लगाया जाता है उसे खरीदें।
  6. धनतेरस के दिन झाड़ू क्यों खरीदा जाता है?
    धनतेरस के दिन झाड़ू खरीदने के पीछे जुड़ी मान्यता के अनुसार कहा जाता है कि, इससे घर में माँ लक्ष्मी का आगमन होता है, घर से नकारात्मकता दूर होती है, और माँ लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
  7. धनतेरस के दिन कितनी झाड़ू खरीदनी चाहिए?
    धनतेरस के दिन हमेशा विषम संख्या में (अर्थात 1, 3, 5) ही झाड़ू खरीदनी चाहिए।

सभी पाठकों को धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएं। हम आशा करते हैं कि धन्वंतरि देव की कृपा आप पर बनी रहे और आप निरोगी व स्वस्थ रहें।

Related Articles

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Latest Articles