हाल ही में कुछ दिन पहले 19 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के आगरा में अरुण वाल्मीकि नामक एक सफाई कर्मचारी की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया। इसी क्रम में कांग्रेस महसचिव प्रियंका गांधी वाड्रा भी अपने काफिले के साथ पीड़ित परिवार से मिलने आगरा जा रही थी लेकिन उनका रास्ता यूपी पुलिस ने लखनऊ-आगरा हाइवे पर रोक लिया था।
इसी के बीच वहां मौजूद कुछ महिला पुलिसकर्मी प्रियंका गांधी के पास गई और उनके साथ सेल्फी लेने लग गई। वहीं, प्रियंका गांधी भी फोटो खिंचवाते समय मुस्कुराती नजर आई। जिसका एक वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। इस तस्वीर को कांग्रेस ने भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर साझा किया और लिखा कि, “कांग्रेस महासचिव श्रीमती प्रियंका गांधी जी के साथ महिला पुलिसकर्मियों की तस्वीर बयान कर रही है कि नारीशक्ति को भरोसा है, विश्वास है। हम नारीशक्ति को सशक्त बनाएंगे, हम नारीशक्ति को अधिकार दिलाएंगे।”
बता दें कि, इस तस्वीर के सामने आने के बाद से कई मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया जा रहा है कि, लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने प्रियंका गांधी के साथ सेल्फी लेने वाली महिला पुलिसकर्मियों की प्रारंभिक जांच के आदेश दिए हैं और डीसीपी सेंट्रल, इस मामले में पुलिस नियमों के उल्लंघन की जांच करेंगे और सीपी लखनऊ द्वारा रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई को तय किया जाएगा।
इसके बाद जब इसकी जानकारी प्रियंका गांधी को मिली कि उनके साथ सेल्फी को लेकर पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जा रही है तो प्रियंका गांधी ने भी योगी सरकार को आड़े हाथ ले लिया और प्रियंका गांधी ने एक ट्वीट करते हुए सरकार पर निशाना साधा।
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प्रियंका ने सेल्फी वाली तस्वीर को अपने ट्विटर से साझा करते हुए लिखा कि, “खबर आ रही है कि इस तस्वीर से योगी जी इतने व्यथित हो गए कि इन महिला पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही करना चाहते हैं। अगर मेरे साथ तस्वीर लेना गुनाह है तो इसकी सजा भी मुझे मिले, इन कर्मठ और निष्ठावान पुलिसकर्मियों का कैरियर ख़राब करना सरकार को शोभा नहीं देता।”
बताते चलें कि, 21 अक्टूबर की देर रात आगरा पहुंचकर प्रियंका गांधी ने अरुण वाल्मिकी के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान प्रियंका गांधी ने अरुण के परिजनों को आर्थिक मदद का भी ऐलान किया है। इस मुलाकात के बाद प्रियंका ने कहा कि मुझे विश्वास नहीं हो रहा है कि इस सदी में किसी के साथ ऐसा भी हो सकता है।
प्रियंका गांधी ने अरुण वाल्मिकी के परिवार से उनकी चर्चा पर बात करते हुए बताया कि, उन्होंने मुझे बताया है कि वाल्मीकि समुदाय के 17-18 लोगों को अलग-अलग जगहों से उठाकर थाने ले जाया गया और फिर उन्हें बेरहमी से पीटा गया। जबकि अरुण वाल्मिकी को उसकी पत्नी के सामने ही पीटा गया।