बीते 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने कथित रूप से प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी। जिसके बाद से उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब समेत कई राज्यों में भाजपा नेताओं को किसानों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है।
इसी के बीच अब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और सांसद राहुल गांधी ने भी लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, राहुल गांधी ने बीते शनिवार को कांग्रेस की ओर से ‘स्पीकअप फॉर किसान न्याय’ हैशटैग से चलाए गए सोशल मीडिया अभियान के तहत इस घटना को लेकर ट्वीट किया।
राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा कि, ‘‘आज खाना खाते समय उन अन्नदाता के बारे में सोचिए, जो देश का पेट भरने के लिए अपना खून-पसीना देते हैं। उन्हें न्याय दिलाना हमारा कर्तव्य है।’’
बता दें कि राहुल गांधी के अलावा इस अभियान के तहत कांग्रेस के अन्य कई नेताओं ने भी इस घटना पर पीड़ित किसानों के लिए आवाज उठाई।
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इस हैशटैग के साथ कांग्रेस ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का बयान पोस्ट करते हुए लिखा कि, ‘‘देश के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है कि एक तरफ गृह राज्य मंत्री के बेटे की गाड़ी जानबूझकर किसानों को रौंदती हुई निकल जाती है और देश की सत्तारूढ़ पार्टी उन किसानों के साथ नहीं बल्कि उनके खिलाफ खड़ी हुई नज़र आती है।’’
वहीं, इस पर कांग्रेस नेता और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि, लखीमपुर खीरी में जो कुछ हुआ उसने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। मैं उम्मीद करता हूँ कि सुप्रीम कोर्ट की भावनाओं को, देशवासियों की भावनाओं को समझकर के अविलम्ब ऐसी कार्रवाई होगी जिससे कि विश्वास हो पूरे मुल्क को कि किसानों के साथ न्याय होगा।
इस मामले पर कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने भी लखीमपुर खीरी मामले पर मीडिया को उनके द्वारा दिए गए एक बयान का वीडियो साझा करते हुए लिखा कि, केंद्रीय ग्रह राज्य मंत्री बता रहें हैं कि मुख्य आरोपी उनके पुत्र एक हफ्ते से अपने घर में थे।
जिस पुलिस में हादसे के एक हफ़्ते तक उनके घर की कुंडी तक खटकाने की हिम्मत नहीं थी, वो उनपर कलम क्या चलाएगी? जब तक ‘केंद्रीय मंत्री’ अपने पद पर बने हुए हैं तब तक न्याय की उम्मीद नही।
इस दौरान भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. ने भी अपने एक बयान में कहा कि, ‘‘जलियांवाला बाग़ नरसंहार के बारे में सुना था, लेकिन शायद कभी हमने सोचा नहीं था कि ऐसा कोई नरसंहार हमें आज़ाद भारत में भी कहीं देखने को मिलेगा। अपनी मेहनत से देशवासियों का पेट भरने वाले अन्नदाता को ही भाजपा नेताओं ने कुचल दिया।’’