महिला टेबल टेनिस खिलाड़ी मनिका बत्रा ने एक और खिताब अपने नाम कर लिया है। वह Asia Cup Table Tennis Tournament में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनी गई हैं। ब्रॉन्ज मेडल के मुकाबले में उन्होंने दुनिया की छठी नंबर की जापानी खिलाड़ी हिना हायाता को हराकर यह जीत अपने नाम की।
दिल्ली की मनिका ने चार साल की उम्र में अपने बड़े भाई-बहनों को देखकर टेबल टेनिस खेलने की शुरुआत की थी। उस समय उन्होंने कभी सोचा भी नहीं होगी, कि आगे चलकर वह इसी खेल के जरिए नेशनल, इंटरनेशनल और फिर ओलंपिक्स तक में नए इतिहास रच देंगी। कॉमनवेल्थ गेम्स में टेबल टेनिस का गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला मनिका बत्रा को शुरू में उनकी बहन आंचल बत्रा गाइड किया करती थीं। लेकिन फिर जब मणिका ने अंडर-8 स्टेट लेवल टूर्नामेंट जीता, तो कोच संदीप गुप्ता ने उनकी प्रतिभा पहचानी और उन्हें गाइड करना शुरू किया।
उन्होंने मनिका का स्कूल चेंज करवाया, ताकि उनको अपनी टेबल टेनिस अकैडमी में ला सकें। उसके बाद मनिका के कदम कभी नहीं रुके। उन्होंने अपने नए कोच के साथ मिलकर कई डिस्ट्रिक्ट और स्टेट मीट्स में हिस्सा लिया और कई टूर्नामेंट्स जीते। साल 2011 में उन्होंने नेशनल टेबल टेनिस चैम्पियनशिप के सिल्वर के रूप में अपना पहला नेशनल मेडल भी जीता था।
उनका सारा फोकस इसी खेल के लिए ही थी। यही वजह थी की उन्होंने अपना कॉलेज भी एक साल में ड्रॉप कर दिया था। उनका कहना है कि “मैं इंडिया में टेबल टेनिस के लिए वो करना चाहती हूँ, जो साइना और सिंधु ने बैडमिंटन के लिए किया है।”
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