“मैं सुबह कोलकाता में टैक्सी चलाता था, और फिर शाम को थिएटर रिहर्सल के लिए जाता था। “- राजेश शर्मा

लुधियाना में जन्मे राजेश शर्मा काम के लिए कोलकाता आ गए थे. यहां आकर वे 1994 से 1996 तक सुबह के समय वह टैक्सी चलाते थे 

छवि क्रेडिट : scoopwhoop.com

और फिर शाम को 5:30 बजे ‘रंगकर्मी’ नाम के एक थिएटर ग्रुप प्ले के रिहर्सल के लिए जाते थे। उस समय

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उनके पास खुद की टैक्सी नहीं थी और इतने ज्यादा मौके नहीं थे, तो नौकरी मिल पाना बहुत मुश्किल होता था।

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टैक्सी चलाने के साथ-साथ थिएटर में काम करने से उनकी ऐक्टिंग स्किल्स में सुधार आया और उन्हें थिएटर की 

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दुनिया में अलग पहचान मिलने लगी। 4 साल तक टैक्सी चलाने के बाद उन्हें 1996 में फिल्म ‘माचिस’ से बॉलिवुड में कदम रखने का मौका मिला।

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इस फिल्म में उनका रोल बहुत छोटा था, जिसके बाद रोल की तलाश में 4 साल वह इधर-उधर भटके 

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लेकिन बॉलिवुड में मौका नहीं मिला. साल 2000 में बंगाली फिल्म इंडस्ट्री में आ गए।

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