अगले साल की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव है और इसको देखते हुए सभी राजनीतिक पार्टियों का ध्यान केवल उत्तर प्रदेश की तरफ ही है, कोई भी पार्टी अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहती और अपनी-अपनी चुनावी रणनीति को बनाने में जुट गई है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी अपनी चुनावी रणनीति को तैयार कर लिया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा की चुनावी रणनीति विपक्ष की चुनौतियों से ज्यादा जमीनी मुद्दों पर केंद्रित रहेगी।
भाजपा किसान आंदोलन, कोरोना महामारी और रोजगार जैसे बड़े व अहम मुद्दों पर जनता तक अपनी बात को प्रभावी ढंग से पहुंचाकर विरोधी हमलों की धार कुंद करेगी। बता दें कि चुनावी टीम की घोषणा के बाद भाजपा शनिवार से अपना पहला बड़ा ‘बूथ विजय अभियान’ शुरू करने जा रही है और पार्टी का यह दावा है कि वह इस अभियान के माध्यम से दस दिनों में 27 हजार शक्ति केंद्रों तक पहुंचेगी।
भाजपा का अनुमान है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के जो नतीजे आएंगे वह केवल राज्य सरकार ही तय नहीं करेंगे, बल्कि अगले लोकसभा चुनावों की बुनियाद भी रखेंगे। इसी को देखते हुए केंद्र व राज्य दोनों जगह सत्तारूढ़ भाजपा अपनी तैयारियों में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहती। सूत्रों की माने तो, इन चुनावों में भाजपा का ध्यान केवल किसान आंदोलन, कोरोना महामारी व रोजगार पर ही केंद्रित रहेगा, क्योंकि इन्हीं तीन मुद्दों पर सरकार विरोधी माहौल (एंटी इनकंबेंसी फैक्टर) बन सकता है।
अगर पार्टी अपने इन तीनों पड़ावों को पार करते हुए इन पर अपनी बात सही ढंग से जनता के बीच रखने में सफल हो जाती है तो भाजपा को सरकार बनाने में ज्यादा दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बता दें कि, चुनावी मौसम को अपनी तरफ करने के लिए भाजपा ने राज्य में अपनी सबसे बड़ी चुनावी टीम लगाई है, जिसमें चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ-साथ और भी कई नेताओं को सह प्रभारी के तौर पर जोड़ा गया है। यूपी में भाजपा के छह संगठनात्मक क्षेत्र हैं और अनुमान लगाया जा रहा है कि ऐसे में भाजपा एक सह प्रभारी को एक क्षेत्र से जोड़ सकती है और एक सह प्रभारी को मुख्यालय में समन्वय की जिम्मेदारी दी जा सकती है। राजनीति में संदेश का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है इसलिए भाजपा के लिए इसके भी अहम मायने हैं। जिसके लिए चुनाव प्रभारियों की टीम से भी सामाजिक समीकरणों को साधने के संकेत दिए गए हैं और टीम के सामाजिक विश्लेषण में ओबीसी, राजपूत, ब्राह्मण, दलित, भूमिहार, यादव, जाट समुदाय से आने वाले नेता शामिल हैं।
जे.पी. नड्डा करेंगे ‘बूथ विजय अभियान’ की शुरुआत
यूपी विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती। इसी को देखते हुए भाजपा ने अपने चुनावी मिशन को पूरी गति दे दी है और ऐसे में सबसे निचली इकाई ‘बूथ’ को मजबूत करने का प्रमुखता से कार्य किया जा रहा है। बता दें कि, इसी को ध्यान में रखते हुए इस शनिवार से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ‘बूथ विजय अभियान’ की शुरुआत करेंगे और यह अभियान दस दिन तक चलने वाला है, जिसमें यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत पार्टी के सभी मंत्री भी हिस्सा लेंगे। बताया जा रहा है कि, इस अभियान के माध्यम से राज्य के सभी 27 हजार शक्ति केंद्रों को सीधे व वर्चुअल माध्यम से जोड़ा जाएगा और हर नेता को किसी न किसी शक्ति केंद्र से जोड़ा जाएगा।
बताते चलें कि ‘शक्ति केंद्र’ बूथ से ऊपर की इकाई होती है और इसमें दो या दो से अधिक बूथ को शामिल किया जाता है।