भारत ने अपनी सरहदों को हर खतरे से दूर करने के लिए बड़े-बड़े इंतजाम कर लिए हैं। सेनाओं को आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है। भारतीय सेना खुद को लगातार एडवांस करने में लगी हुई है। इसी कड़ी में भारत ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल कर ली है। विश्व के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में 19 हज़ार फीट की ऊंचाई पर सेटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा शुरू हो गई है। इस सुविधा के शुरू होने से अब इमरजेंसी में हेड क्वार्टर को फौरन महत्वपूर्ण जानकारी दी जा सकती है। यही नहीं, अब सैनिकों के लिए अपने परिवार से बात करना भी बहुत आसान हो जाएगा। सियाचिन ग्लेशियर सीमा पर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा भारत ब्रॉडबैंड नेटवर्क लिमिटेड द्वारा प्रदान की गई है।
महीनों की कोशिशों के बाद फायर और फ्यूरी टीम ने सियाचिन की पहाड़ियों पर सैटेलाइट सिग्नल रिसीव करने वाले डिश लगाए। इन सैटेलाइट की मदद से ही सियाचिन में इंटरनेट का नेटवर्क तैयार हो चुका है।
सियाचिन में जिंदगी बहुत मुश्किल है, यहां कई बार माइनस 60 डिग्री की ठंड भी पड़ती है। बेहद खतरनाक मौसम के बावजूद देश के 10 हजार जवान इस बर्फीली चोटी पर मातृभूमि की रक्षा के लिए दिन रात डट कर खड़े रहते हैं, ताकि हम सुकून से सो सकें। उनके लिए अपने परिवार से बात करना भी बहुत मुश्किल है। लेकिन अब सैटेलाइट ब्रॉडबैंड की मदद से कुछ चीजें आसान हो सकती हैं।
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड एक तरीके से इंटरनेट चलाने का ही तरीका होता है। इससे इंटरनेट चलाने के लिए सैटेलाइट से डेटा मिलता है, जो धरती पर लगे छोटे सैटेलाइट डिश को मिलता है और उससे इंटरनेट चलाने में मदद मिलती है।
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अब तक इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि इस सेवा का उपयोग किस तरह से और किन-किन कार्यों के लिए किया जाएगा।
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— @firefurycorps_IA (@firefurycorps) September 18, 2022
"Always Through"
Satellite based internet service activated on the #SiachenGlacier at 19,061 feet, the World's Highest Battlefield, by the Siachen Signallers#SiachenWarriors@adgpi@NorthernComd_IA@ANI pic.twitter.com/kK8xQG8aQj