किशोर कुमार का जन्म 4 अगस्त 1929 – 13 अक्टूबर 1987 को खंडवा में हुआ था। किशोर कुमार एक भारतीय पार्श्व गायक और अभिनेता थे। उन्हें भारतीय संगीत के इतिहास में सबसे महान और सबसे गतिशील गायकों में से एक माना जाता है और साथ ही भारतीय उपमहाद्वीप के सभी समय के सर्वश्रेष्ठ गायकों में से एक माना जाता है। वह भारतीय फिल्म उद्योग में सबसे लोकप्रिय गायकों में से एक थे, जो विभिन्न आवाजों में गाने गाने की क्षमता के लिए उल्लेखनीय थे। कुमार विभिन्न विधाओं में गाते थे लेकिन उनकी कुछ दुर्लभ रचनाएँ जिन्हें क्लासिक्स माना जाता था, समय के साथ खो गईं।
हिंदी के अलावा, उन्होंने बंगाली, मराठी, असमिया, गुजराती, कन्नड़, भोजपुरी, मलयालम आदि आदि भारतीय भाषाओं में गाया है। उन्होंने कई भाषाओं में कुछ गैर-फिल्मी एल्बम भी जारी किए, विशेष रूप से बंगाली में।
किशोर कुमार को सर्वश्रेष्ठ पुरुष पार्श्वगायक के लिए 8 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले है। श्रेणी में सबसे अधिक फिल्मफेयर पुरस्कार जीतने का रिकॉर्ड भी इनके ही नाम है। सन 1985 में मध्य प्रदेश सरकार ने उन्हें लता मंगेशकर पुरस्कार से भी सम्मानित किया था।
मध्य प्रदेश सरकार ने 1997 में हिंदी सिनेमा में योगदान के लिए “किशोर कुमार पुरस्कार” नामक एक पुरस्कार की शुरुआत की थी। अपने पूरे करियर में
किशोर दा ने 110 संगीतकारों के साथ काम किया था। उन्होंने 2678 फिल्मों में गाने गाए है। इसके साथ-साथ वो करीब 88 फिल्मों में बतौर एक्टर भी दिखे है। उन्हें गुजरे आज 35 साल हो गए है।
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किशोर दा तो दुनिया को अलविदा कह गए लेकिन उनकी आवाज आज भी हमारे बीच है। आज उनका 93वां जन्मदिन हैं। किशोर अपने कार्यक्रम की शुरुआत में अपना परिचय “मैं किशोर खंडवा वाला” के रुप में देते थे। ये उनका अपनी जमीन से लगाव ही था।
उन्होंने अपनी कई नहीं कई फिल्मों में अपना निवास स्थान खंडवा का भी जिक्र किया था। उन्होंने एक फिल्म में कहा था कि दूध जलेबी खाएंगे, खंडवा में बस जाएंगे। किशोर दा के गानों की दीवानगी का आलम आज भी कायम है। आजकल उनकी फिल्मों के गानों को रीमेक किया जा रहा है। अपने करियर की शुरुआत में उन्होंने गायकी पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया था लेकिन बाद में उन्होंने अपनी गायकी से ऐसी अमिट छाप छोड़ी थी।
किशोर कुमार खंडवा लौटने की इच्छा, इच्छा ही बनकर रह गई। उनका मुंबई से मन भरने के बाद वो वापस खंडवा में बसने का था। लेकिन वह मायानगरी छोड़ने से पहले ही दुनिया छोड़ गए।
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