तालिबान के काबुल पहुंचने के बाद अफगानिस्तान छोड़कर भाग जाने वाले पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी
ने सोशल मीडिया के जरिए विश्व के लिए एक संदेश जारी किया है.
इस संदेश में उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को निराधार बताते हुए कहा है कि मैं पैसे लेकर नहीं भागा हूं. गनी ने अपने संदेश में कहा- ये हम दोनों की असफलता है कि हमारी सरकार औऱ तालिबान दोनों अपने नतीजे तक नहीं पहुंचे. गनी ने आगे कहा “जो कह रहे हैं कि मैं भाग गया हूं उन्हें हकीकत नहीं पता है. उन्होंने कहा मैं पैसे लेकर भागा हूं ये एकदम गलत है. अगर मैं देश में होता तो खून खराबा होता. गनी ने कहा कि वह सुरक्षा कारणों से देश छोड़कर गए हैं.
गनी ने कहा, ‘मैं शांतिपूर्ण तरीके से तालिबान को सत्ता देना चाहता था. लेकिन मेरी इच्छा के विरूद्ध मुझे अफगानिस्तान से बाहर भेज दिया गया. मुझे बताया गया कि तालिबान काबुल में हैं. तालिबान के साथ अफगानिस्तान सरकार का एक समझौता था कि वह काबुल में नहीं घुसेंगे लेकिन उन्होंने समझौते को तोड़ दिया. मैं बतौर राष्ट्रपति फांसी पर नहीं चढ़ना चाहता था क्योंकि मैं अफगानिस्तान की प्रतिष्ठा था. मुझे मौत से भय नहीं है.’
उन्होंने कहा कि वह अफगानिस्तान लौटने के लिए दूसरों के साथ राय मशविरा कर रहे हैं. अपने ऊपर पैसे लेकर भागने के आरोपों पर गनी ने कहा कि यह सरासर झूठ है. उन्होंने कहा कि इसे यूएई के कस्टम से इस बारे में जानकारी ली जा सकती है. मेरे पास तो जूते बदलने का समय नहीं था. मेरे सुरक्षाकर्मियों ने मुझे तुरंत निकलने को कहा था क्योंकि बतौर राष्ट्राध्यक्ष मेरे ऊपर खतरा था
UAE में हैं अफगानी राष्ट्रपति
बता दें कुछ घंटे पहले ही संयुक्त अरब अमीरात सरकार ने यह पुष्टि की थी कि उसने अशरफ गनी और उनके परिवार को अपने देश में शरण दी है. यूएई ने कहा कि उसने अफगान राष्ट्रपति और उनके परिवार को ‘‘मानवीय आधार’’ पर स्वीकार कर लिया है.
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तालिबान के काबुल के नजदीक पहुंचने से पहले ही गनी देश छोड़ कर चले गए थे. यूएई की सरकारी समाचार समिति ‘डब्ल्यूएएम’ ने बुधवार को अपनी एक खबर में यह जानकारी दी.
लगे थे पैसे लेकर भागने के आरोप
इसे पहले ये बताया गया कि अफगानिस्तान से निकलने से पहले गनी ने अफगानिस्तान के कोष से सारा रुपया ले कर भाग गए है। आज अपने संदेश मे गनी ने साफ साफ बोलै की वो कोई भी रुपया ले के नही भागे है अगर आप को लगता है तो आप यू ऐई के कस्टम से पता कर सकते है।
काबुल स्थित रूसी दूतावास का हवाला देते हुए रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘तास’ ने खबर दी है कि 72 वर्षीय राष्ट्रपति गनी नकदी से भरा हेलीकॉप्टर लेकर काबुल से भागे.
खबर में दूतावास के एक कर्मचारी के हवाले से कहा गया है, ‘‘ उनके (गनी के) शासन के समाप्त होने के कारणों को, गनी के वहां से भागने के तरीके से जोड़कर देखा जा सकता है. चार कारें नकदी से भरी हुई थीं और उन्होंने सारा पैसा हेलीकॉप्टर में भरने की कोशिश की, लेकिन सारी नकदी हेलीकॉप्टर में नहीं भरी जा सकी और उन्हें कुछ नकदी रनवे पर ही छोड़नी पड़ गई.’’