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शनिवार, नवम्बर 23, 2024
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जानें क्या है थायराइड, इसके प्रकार, लक्षण और 10 ऐसे घरेलू उपाय जो इसे रखतें हैं कंट्रोल!

महिला हो या पुरुष थायराइड की समस्या आज एक आम समस्या बन गई है, यदि देखा जाए तो पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थायराइड के अधिकतर मामले सामने आते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत देश में प्रतिदिन लगभग 10 में से 8 मामले महिलाओं में पाए जाते हैं। बदलती जीवनशैली खराब खान पान के चलते लोग बिमारियों की चपेट में आने लगे हैं। थायराइड की समस्या मेटाबालिज्म से जुड़ी बीमारी है और इसके मामले अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें इस बीमारी में मुख्य थायराइड हार्मोन के संतुलन से कम ज्यादा होने पर यह बिमारी का रूप ले लेती है। अभी हाल ही में भारत में हुए एक सर्वे में सामने आया है कि पूरे देश में लगभग 4 करोड से भी ज्यादा लोग इस बीमारी से पीड़ित है। सर्वे के मुताबिक तेजी से बढ़ता प्रदूषण सब्जियों और फलों में कीटनाशक दवाइयों का इस्तेमाल वह दवाइयों का साइड इफेक्ट एवं तनाव और अनियमित टाइम पर खान-पान करना और अत्यधिक मात्रा में जंक फूड का सेवन इसके मुख्य वजह माने जा रहे हैं।

Table of Contents

क्या है थायराइड?

हाइपरथायरायडिज्म यानी थायराइड हमारे शरीर का एक ऐसा हिस्सा होता है जो दिखने में तो एक छोटी तितली के समान लगती है और हमारी गर्दन के आगे वाले हिस्से में मौजूद होती है। हमारी बॉडी में मौजूद थायरॉयड ग्रंथि थायरोक्सिन हार्मोन का तेजी से बढ़ने लगता है और हमारे शरीर की आवश्यकता से ज्यादा हो जाती है। थायरॉयड दो प्रमुख हार्मोन पैदा करती है, जिसे ट्राईआयोडीनथायरोक्सिन यानी T3 और थायरॉक्सिन यानी T4 के नाम से भी जाना जाता है। ये Harmons आपकी सेल्स को energy इस्तेमाल करने में control करते हैं। जब थायरॉयड ग्रंथि T4, T3 या फिर हारमोंस की अधिक मात्रा होने के चलते शरीर में थायराइड की वृद्धि होने लगती है। Thyroid आपके शरीर में मौजूद मोटा विलेज में तेजी ला सकते हैं जिससे आपका वजन या हार्ट रेट में कम व तेज गति से चलने लगती है।

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लक्षण हाइपोथायराडिज़्म थायराइड

  1. थायराइड ग्लैंड जब कम प्रकिया में काम करने लगता है तो हाइपोथायराडिज़्म बनने लग जाता है, और इसकी अधिक मात्रा होने पर T4, T3 हार्मोन नहीं पहुंच पाता है।
  2. अचानक वजन बढ़ने लगता है और भूख कम लगती है
  3. रोज की गतिविधिया पहले से कम होती जाती है और बहुत ज्यादा ठड़ महसुस होती है।
  4. कब्ज की समस्या होने लगता है।
  5. आखों में सुजन आने लगती है।
  6. अधिक नींद आने लगती है।
  7. पिरर्डस की समस्या होने लगती है।
  8. त्वचा में रूखा पन और बाल झड़ने लगते हैं।
  9. सुस्ती महसूस होने लगती है और पैरों में सूजन की समस्या आने लगती है।
  10. शरीर में रोगों की समस्या होने लगती है।
  11. जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द रहने लग जाता है।
  12. आवाज में बदलाव आने लगता है।

लक्षण हायपरथायराडिज़्म के

  1. T3, T4 हार्मोन का अधिक मात्रा में निकलकर रक्त में पहुंचता है इसके पिछे मुख्य वजह हायपरथायराडिज़्म में थायराइड ग्लैंड बहुत ज्यादा सक्रिय होने पर होता है।
  2. इसके मुख्य लक्षण अचानक वजन कम होना है।
  3. बहुत ज्यादा पसीना आना।
  4. गर्मी सहन करने की क्षमता नहीं रहती।
  5. हाथ, पैर कापने लगते है।
  6. मांसपेशियां भी कमजोर हो जाती है।
  7. आंखें बाहर आने लगती है।
  8. धड़कनों की रफ्तार बढ़ने लगती है।
  9. नींद की समस्या आता है।
  10. लुज मोशन आने लग जाते है।
  11. पीरड्स की समस्या आने लग जाती है।
  12. गर्भपात से जुड़ी परेशानी आने लगती है।

थायराइड कंट्रोल करेंगे ये उपाय

नारियल का तेल

थाइराइड कंट्रोल करने में नारियल का तेल का अहम भूमिका निभाता है। इस तेल में एक तरह का फैटी Acid होता हैं जो थायराइड को संतुलित रखने में मदद करता है।

एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइड विनेगर आपके हार्मोन को संतुलित करके उत्पादन करने में मदद करता है। यह दवा आपके शरीर के वसा को रेग्युलेट करके शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकाल फेकने का काम करता है।

अदरक का सेवन

थाइराइड कंट्रोल करने में घर की रसोई में खाना बनाने में इस्तेमाल होने वाली अदरक पौटेशियम और मैग्नीशियम की भरपूर मात्रा होती है और इससे इन्फेलेशन से बचने में सबसे कारगार माना जाता है।

Vitamin B

थायराइड की समस्याओं के कारणों से लड़ने में विटामिन बी आपकी मदद करते हैं। जिन चिजों में विटामिन बी की अधिक मात्रा होती हैं उनका सेवन करना चाहिए जैसे- अड़ें, मांस, दूध अखरोट इत्यादि है। यह विटामिन हाइपोथायरायडिज्म से लड़ने में विशेष भूमिका निभाते है।

Vitamin D

यदि आपके साथ भी विटामिन डी की समस्या रहती है तो आपको इससे थायरइड़ की समस्या की कभी भी हो सकती है। रोजाना 15 मिनट धुप में बठने से आपको विटामिन डी मिललने लगने लगता है। कुछ पदार्थ में विटामिन डी की भरपूर मात्रा पाई जाती है जैसे – तिल, संतरा, अड़ें की जर्दी।

बादाम की सेवन

थायरइड की समस्या को कंट्रोल करने में सबसे अहम माना जाने वाला बादाम ही है। बादाम आपको प्रोटीन, फाइबर की भरपूर मात्रा प्रदान करता है। इसमें आपको सेलेनियम मिता हैं जो आपकी थायराइड को लेवल में रखने का काम करता है।

दूध और इसके पदार्थ

दूध से बनी चीजें जैसे- दही, पनीर इत्यादि आपकी थायराइड को नियतंत्र करने में कारगार है। दूध व इससे बनी चीजों में आयोडिन की भरपूर मात्रा होती है जो थायराइड को संतुलित रखने का काम करते है।

बीन्स का सेवन

आपको बता दें, थायराइड की समस्या में बीन्स आपके बहुत काम आ सकते है। बीन्स में भरपूर मात्रा में फाइबर, विटामिन, प्रोटीन और आवश्यक खनीज की मात्रा पाई जाती है। फाइबर की अधिक होने से कब्ज की समस्या से निपटारा मिलता है और हाइपोथायरायडिज्म को बढ़ने से रोकता है।

अलसी का बीज

थायराइड में विशेषकर अलसी के बीज इसे संतुलिक करने में काम आते है। इन बीजों में फैटी Acid की भरपूर मात्रा होती है जो दिल को और थायराइड के लिए अच्छा साबित होता है। इसमें मैग्नीशियम और विटामिन बी 12 भी अच्छी मात्रा में आपको मिल जाता है।

व्यायाम

थाइराइड को संतुलन में रखने के लिए आपका प्रतिदिन नियमित तरीके से व्ययाम करना बेहद जरुरी है, व्यायम करने से हार्मोन कंट्रोल में रहते है और थाइराइड की समस्या भी आपसे कोसों दूर रहती है।

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Disclaimer

हमारा प्रयास रहता है कि हम आपके लिए एक दम सटीक जानकारी लेकर आए और इसलिए हम तथ्यों और विशेषज्ञों के द्वारा बताई गई ही जानकारी आपके लिए लेकर आते है। हम सभी का शरीर अलग-अलग तरीके का है। इसलिए इसे भी नकारा नहीं जा सकता कि हर टिप्स आपके शरीर पर एक ही तरह से काम करेगी।
इसलिए किसी भी टिप को अपनाने से पहले आप अपने डॉक्टर या फिर किसी विशेषज्ञ की राय जरूर लें। हमारा काम आपके लिए होम रेमेडी और फिटनेस टिप लेकर आना है लेकिन उन्हें ट्राई करने से पहले आपको भी उसकी पूरी पड़ताल करनी चाहिए और तभी इन टिप्स को इस्तेमाल में लाना चाहिए।

मोहित नागर
मोहित नागर
मोहित नागर एक कंटेंट राइटर है जो देश- विदेश, पॉलिटिक्स, एंटरटेनमेंट, हेल्थ और वास्तु से जुड़ी खबरों पर लिखना पसंद करते हैं। उन्होंने डॉ० भीमराव अम्बेडकर कॉलेज (दिल्ली यूनिवर्सिटी) से अपनी पत्रकारिता की पढ़ाई पूरी की है। मोहित को लगभग 3 वर्ष का समाचार वेब पोर्टल एवं पब्लिक रिलेशन संस्थाओं के साथ काम करने का अनुभव है।

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