महाराष्ट्र में सियासी घमासान रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। पहले शिंदे गुट के 16 विधायकों को विधानसभा उपाध्यक्ष के अयोग्य ठहराए जाने पर नोटिस भेजे गया था, जिस पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। हालंकि इसका फैसला अभी नहीं आया है लेकिन कोर्ट ने बागी विधायकों को बड़ी राहत दी है। 16 विधायकों की अयोग्यता को लेकर डिप्टी स्पीकर ने जो रोक लगाई थी, इस पर कोर्ट ने 12 जुलाई तक रोक लगा दी है। आपको बता दें कि शिवसेना के नेता संजय राउत को प्रवर्तन निदेशालय ने जमीन घोटाले मामले में नोटिस भेजा है। ईडी ने राउत को आज तलब किया है।
महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच भाजपा ने सरकार बनाने की कवायद शुरू की है। शिंदे गुट और भाजपा मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने की संभावना है। अभी इसको लेकर मंथन हो रहा है। शिंदे गुट के आठ विधायकों को कैबिनेट में शामिल किया जा सकता हैं। वहीं पांच विधायकों को राज्य मंत्री बनाया जा सकता है।
शिवेसना नेता संजय राउत ने डिप्टी स्पीकर द्वारा शिवसेना के बागी विधायकों को भेजे गए नोटिस व सुप्रीम कोर्ट के इस पर 11 जुलाई तक रोक लगाने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होनें कहा है कि बागी विधायकों के लिए महाराष्ट्र में कोई काम नहीं है। उन्हें 11 जुलाई तक आराम करना चाहिए।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में दावा किया गया है कि BJP ने महाराष्ट्र को 3 टुकड़ों में बांटने की साजिश रची है। महाराष्ट्र की अखंडता को तबाह करने की कोशिश है। जो सरकार के पक्ष में खड़े हैं, उन लोगों को ईडी के द्वारा फंसाया जा रहा है. ऐसा करके उनकी आवाज दबाने की कोशिश हो रही है।
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संजय राउत ने अपने ट्विटर बागी विधायकों पर निशाना साधते हुए कहा कि जाहिल लोग चलती फिरती लाशें हैं। संजय राउत ने बागी विधायकों को इससे पहले ‘जिंदा लाश’ कहा था। शिवसेना के एक और विधायक की शिंदे गुट में शामिल होने की खबर है। हालांकि अभी उस विधायक का नाम सामने नहीं आया है।
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