अगर किसी व्यक्ति के काम में बार-बार रूकावट आ रही हो तो इसका सबसे बड़ा कारण पितृदोष हो सकता है। क्योंकि पितृदोष को सबसे कष्टदाई दोष माना जाता है और इस दोष के चलते लोगों को आर्थिक और मानसिक दोनों प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इसीलिए आज हम आपके लिए पितृदोष की खास जानकारी लेकर आए है, जिसमें आप इस दोष से छुटकारा पाने के उपायों को तो जान ही पाएंगे। साथ ही हम आपको इस पोस्ट में पितृदोष के कारण और इसके लक्षणों की भी जानकारी देंगे।
ताकि आप आसानी से पितृदोष का पता लगाकर इसको शांत कर सके। तो आइए सबसे पहले पितृदोष क्या होता है। आपको इसकी जानकारी देते है क्योंकि किसी भी दोष को शांत करने से जरूरी उसके होने के कारणों को जानना जरूरी होता है। तो आइए अब शुरू करते है।
पितृदोष क्यों होता है ?
तो जैसा कि आप जान चुके होंगे कि हम आपको पितृदोष होने के कारण की जानकारी देने वाले है। तो इसके पीछे किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद विधिवत अंतिम संस्कार ना करना और अपने पितरों का श्राद्ध ना करना, पितरों का अपमान करना, घर की स्त्रियों का सम्मान ना करना, जानवरों को मारना, बुजुर्गों का अपमान करना आदि शामिल है और यही पितृदोष होने के मुख्य कारण होते है।
पितृदोष के लक्षण को कैसे पहचाने ?
तो आइए अब आपको पितृदोष के लक्षणों की जानकारी देते है, जिससे कि आप जान पाएंगे कि आपके जीवन में आ रही परेशानियां पितृदोष की वजह से है या फिर इसका कोई अन्य कारण है। तो अगर किसी व्यक्ति को संतान का सुख नहीं मिल पाता।
नौकरी और व्यवसाय में बाधाएं आती हो, घर में अशांति बनी रहती हो, घर के किसी भी सदस्य का स्वास्थ्य खराब रहता हो या फिर जीवन में होने वाले मांगलिक कार्यों में परेशानियां आ जाती हो तो इसका मतलब है कि उस व्यक्ति पर पितृदोष लगा हुआ है।
पितृदोष को शांत करने के उपाय ?
पीपल के पेड़ पर जलाएं दीपक
अगर किसी व्यक्ति पर पितृदोष रहता हो तो ऐसे व्यक्ति को पीपल के वृक्ष पर दीपक जलाना चाहिए और साथ में नाग स्तोत्र, महामृत्युंजय मंत्र, रुद्र सूक्त या फिर पितृ स्तोत्र एवं नवग्रह स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से पितृदोष शांत होता है।
इष्ट देव और कुल देव का करें पूजन
अगर आप पितृदोष से मुक्ति चाहते है तो आपको रोजाना अपने इष्ट देवता और कुल देवता की पूजा करनी चाहिए।
गीता का करें पाठ
अगर आप भगवान विष्णु जी के मंत्रों का जाप करते है और साथ में श्रीमद्भागवत गीता का पाठ करते है, तो इससे पितृदोष शांत होता है।
भगवान शिवजी का करें अभिषेक
अगर पितृदोष को शांत करना हो तो महामृत्युंजय मंत्र के साथ भगवान शिवजी का अभिषेक करना चाहिए।
अपने स्वर्गीय पूर्वजों की फोटो पर चढ़ाएं हार
अगर आप अपने पितृदोष को शांत करना चाहते है तो घर के स्वर्गीय पूर्वजों की तस्वीर पर रोजाना हार चढ़ाना चाहिए और साथ में उनकी पूजा करनी चाहिए।
हनुमान चालीसा का करें पाठ
- अगर आप रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करते है तो इससे भी पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
- स्वर्गीय पूर्वजों की निर्वाण तिथि पर ब्राह्मणों को कराएं भोजन
- आप अपने पूर्वजों की निर्वाण तिथि को याद रखें और उस दिन अपने घर में किसी ब्राह्मण को बुलाकर अपने पूर्वजों की पसंद का भोजन कराएं। ऐसा करने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
- पितृ कवच का करें पाठ
- रोजाना अगर आप पितृ कवच का पाठ करते है तो इससे भी आपको पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
दान करें
आप पितृदोष से छुटकारा पाने के लिए किसी गरीब और असहाय व्यक्ति को अपने सामर्थ्यानुसार दान कर सकते है। ऐसा करने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।
पितरों के नाम पर वृक्ष लगाएं
अगर आप अपने पितरों का नाम लेकर कोई भी फलदार या फिर छायादार वृक्ष लगाते है तो ऐसा करने से भी पितृदोष से छुटकारा मिलता है।