राहु को खुश करने का मंत्र ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।।
इस मंत्र का जाप हमें करना चाहिए और भी राहु के और भी मंत्र जानने के लिए इस लेख को अंत तक पढ़े।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु को एक पापी ग्रह माना जाता है। अगर किसी की कुंडली में राहु दोष है तो जातक की जिंदगी पर इसके बुरे प्रभाव पड़ते हैं। इससे आर्थिक नुकसान के साथ-साथ तालमेल में कमी और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं। कुंडली में राहु दोष होने से मानसिक तनाव बढ़ता है। इसके साथ-साथ आर्थिक नुकसान, तालमेल की कमी और अन्य ग्रहों का अशुभ प्रभाव पड़ने लगता है। कहावत है कि राहु का शुभ प्रभाव व्यक्ति को रंक से राजा बना देता है, वहीं इसका अशुभ फल मिलने से व्यक्ति राजा से रंक बन जाता है।
कुंडली में राहु दोष होने से क्या होता है ?
राहु ग्रह भगवान भैरव देव का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली के अनुसार राहु जातकों को शुभ और अशुभ दोनों ही परिणाम देता है। कुंडली में राहु और केतु के कारण काल सर्प दोष का योग बनता है। राहु की उच्च राशि मिथुन है, इस राशि में होने पर यह बुरा फल नहीं देता। साथ ही इसे शनि के समान माना जाता है, शनि की राशि (मकर, कुंभ) में होने पर भी बुरा फल नहीं देता। अगर किसी की कुंडली में राहु दोष है तो जातक को आर्थिक नुकसान, मान, प्रतिष्ठा और धन-वैभव से भी व्यक्ति हाथ धो बैठता है। आर्थिक क्षति के साथ-साथ तालमेल में कमी और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
कुंडली में राहु-केतु की स्थिति खराब होने के लक्षण
- नकारात्मक विचार आना।
- विवाह में विलम्ब होना।
- जीवनसाथी की अकाल मृत्यु होना।
- मेहनत करने के बावजूद व्यापार और नौकरी में असफलताएं मिलना।
- उपचार के बाद भी संतान न हो पाना।
- जीवनसाथी से अकारण विवाद होना।
राहु दोष के शांति के उपाय
- “ॐ रां राहवे नमः” रोज़ाना इस राहु मंत्र का 108 बार जप करें, इससे इनके द्वारा प्राप्त अशुभ फलों का प्रभाव कम होगा।
- नौ रत्ती का गोमेद रत्न पंचधातु या रत्न को लोहे की अंगूठी में जड़वा कर शनिवार के दिन राहु बीज मंत्र- “ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:” का 108 बार उच्चारण कर अभिमंत्रित करके दाहिने हाथ की मध्यमा अंगुली में पहन लें।
- गोमेद रत्न धारण करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है। राहु की वजह से होने वाली बीमारियों और बाधाओं से बचने के लिए राहु यंत्र की पूजा करें।
- रोज़ाना शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से भी राहु का प्रभाव जल्दी खत्म होता है।
- राहु की अशुभ दशा से बचने के लिये बुधवार के दिन जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, नीले या भूरें रंग के कपड़े और कांच की वस्तुओं का दान जरूर करें।
राहु को खुश करने का उपाय | Rahu ko khush karne ka upay
मंगलवार के दिन नीले रंग के कपड़े में तिल बांधकर हनुमान जी को अर्पित करें, साथ ही हनुमान जी के आगे सरसों के तेल का दीपक जला कर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
राहु को खुश करने का मंत्र | Rahu ko khush karne ka mantra
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे।
ॐ ग्लौ हुं क्लीं जूं सः ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल
ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ज्वल हं सं लं क्षं फट् स्वाहा ।।
ॐ नमो अर्हते भगवते श्रीमते नेमि तीर्थंकराय सर्वाण्हयक्ष कुष्मांडीयक्षी सहिताय ॐ आं क्रौं ह्रीं ह्र: राहुमहाग्रह मम दुष्टग्रह, रोग कष्ट निवारणं सर्व शान्तिं च कुरू कुरू हूं फट्।।
मध्यम मंत्र:-
ऊँ अर्धकायं महावीर्य चन्द्रादित्यविमर्दनम: सिंहिकागर्भसंभूतं तं राहुं प्रणमाम्यहम
नाम मंत्र:- राहु मंत्र
ॐ रां राहवे नम:
राहु का तांत्रोक्त मंत्र
ऊँ ऎं ह्रीं राहवे नम:
ऊँ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:
ऊँ ह्रीं ह्रीं राहवे नम:
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