मंगलवार को देश में 5G स्पेक्ट्रम की नीलामी प्रक्रिया शुरू हो गई है। यह नीलामी अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी है। नीलामी प्रक्रिया में इस बाक तीन बड़े मोबाइल सेवादाताओं के साथ ही अदाणी डेटा नेटवर्क्स भी हिस्सा लेगी। इसके साथ-साथ अदाणी ग्रुप के अलावा भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया भी स्पेक्ट्रम में बोली लगाएंगे। आपको बता दें कि इस नीलामी में कुल 72 गीगाहर्ट्ज एयरवेव की बोली लगाई जाएगी।
किन स्पेक्ट्रम की नीलामी हो रही है?
इस नीलामी में 72,097.85 मेगाहर्ट्ज के स्पेक्ट्रम की 20 साल के लिए बोली सगाई जानी है। इन स्पेक्ट्रम फ्रीक्वेंसी में 600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz, 3300 MHz और 26 गीगाहर्ट्ज (GHz) आदि बैंड शामिल हैं।
मध्य और उच्च बैंड वाले स्पेक्ट्रम के लिए टेलीकॉम सेवा प्रदाता बोली लगाएंगे, इस नीलामी के द्वारा देश में 4G से करीब 10 गुना ज्यादा स्पीड वाली सेवाएं देने की कोशिश करना है।
दूरसंचार विभाग में बोली लगाने के लिए कंपनियों ने अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट जमा कर दिया है। आपको बता दें कि रिलायंस जियो ने सबसे ज्यादा14,000 करोड़, एयरटेल ने 5,500 करोड़, वोडाफोन-आइडिया ने 2,200 करोड़ और अदाणी समूह ने 100 करोड़ की EMDs राशि जमा की है।
क्या है EMD की जमा राशि-
हर कंपनी की EMD जमा राशि अलग-अलग होती है। EMD जमा राशि का सीधा तात्पर्य है कि कौन-सी कंपनी कितने ज्यादा स्पेक्ट्रम खरीद सकती है। इसके साथ ही ये रकम कंपनी की क्षमता को भी दर्शाती है।
सबसे ज्यादा EMD राशि जियो की है। वहीं सबसे कम EMD राशि अदानी ग्रुप की है। हालांकि, अदाणी समूह का दावा है कि वह निजी 5G नेटवर्क बनाने के लिए नीलामी में हिस्सा ले रहा है। रिपोर्ट के अनुसार जियो 1.3 लाख करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम खरीद सकती है।
वही एयरटेल 3.5 गीगाहर्ट्ज और 25 गीगाहर्ट्स बैंड के स्पेक्ट्रम की बोली लगाएगी। एयरटेल दिल्ली, गुजरात, मुंबई, कोलकाता, तमिलनाडु जैसे सर्किल में 5G सेवाएं देने पर विचार कर रही।
क्या फर्क पड़ेगा 5G के आने से ?
तकनीकी रुप से देखा जाए तो 4G के मुकाबले 5G में यूजर को ज्यादा सहूलियतें होगी। 5G में इंटरनेट की डाउनलोड स्पीड 10 जीबी प्रति सेकंड हो सकता है।जिससे कुछ सेकंड्स में ही बड़ी से बड़ी फाइल डाउनलोड कर पाएंगे। 5G में इंटरनेट की अपलोड स्पीड भी एक जीबी प्रति सेकंड जा सकती है, जहां ये स्पीड 4G में सिर्फ 50 एमबीपीएस ही है। त में इसके पहुंचने में 2023 की पहली तिमाही तक का समय लग सकता है।