जामताड़ा पिछले साल एक वेब सीरीज आयी थी जिस मे ये दिखया गया था कि कैसे एक वेस्ट बंगाल के एक छोटे गांव से कुछ बच्चे ऑनलाइन ठगी का काम करते है। और लोगो फ़ोन कॉल के जरिये लाखो रुपयों की चपत लगा देते है। ये कहानी एक सच्ची घटना पे आधरित है । जामताड़ा एक छोटा गांव है जहाँ ऐसे काम को अंजाम दिया जाता है वह बच्चे 8 से 10 तक ही पढ़े लकन टेक्नोलॉजी से खेलना उनको बहुत अच्छे से आता है।
हालिया में दिल्ली पुलिस के द्वरा चालये जा रहे ऑपरेशन साइबर प्रहार पार्ट-2 ने जामताड़ा से ऑनलाइन ठगी के मामले में 14 लोग को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने दिल्ली पुलिस को लगभग 100 किलोमीटर तक घुमाते रहे. आश्चर्य की बात ये है कि इस गैंग का सरगना या मास्टरमाइंड केवल 20 साल का युवक है जो पिछले 3 साल से इस गैंग को ऑपरेट कर रहा था. और लोगो से धोखाधड़ी कर के अकूत सम्पति का मालिक बन गया।
दिल्ली पुलिस की साइबर यूनिट ने ऑपरेशन साइबर प्रहार पार्ट-2 की मदद से जामताड़ा गैग के 14 आरोपियों को गिरफ्तार करके काफी समय से चले आ रहे ठगी के गैंग को खोल के रख दिया है. इस गैंग का सरगना नाम अल्ताफ अंसारी जो कि 20 साल का जवान लड़का है. उसके गैंग के लोग उसको रॉकस्टार के नाम से बुलाते है, इसी गैंग दूसरा सदस्य गुलाम अंसारी है जिसे मास्टर जी के नाम से बुलाते है . अल्ताफ ने कॉल सेंटर की तर्ज पे अपने टीम में अलग अलग टीम बना रखी थी. हर टीम को अपना अपना काम बात दिया था ,टीम के दो से तीन सदस्य कॉलर के रूप में काम करते थे. उनका काम सिर्फ कॉल करना होता था.बाकी सदस्य को केवल उनके काम से मतलब होता था दूसरी टीम केवल डेटा प्रोवाइड करती थी जिसपे कालिंग करने वाले लड़के कालिंग करते थे।
कैसे करते थे काम
डीसीपी अनयेश रॉय ने बताया कि पहेली टीम जो केवल कॉल करती थी और उनको डेटा देने का काम दूसरी टीम का होता था, तो तीसरी टीम का काम बैंक के कामकाज को देखना होता था. वहीं गुलाम अंसारी जिसे लोग मास्टर बोलते थे वो फेक वेबसाइट बनाता था. फिर उस वेबसाइट को बढ़ावा देने का काम होता था. इसके लिए उसे 40 से 50 हज़ार रुपये दिए जाते थे. जब दिल्ली पुलिस को इसके बारे जानकारी मिली तो उनकी एक टीम ने अल्ताफ अंसारी को पकड़ने के लिए गयी लकन अल्ताफ को इसकी भनक लग गयी पुलिस के आने से पहले वो इस जगह से से भाग गया लेकिन पुलिस अल्ताफ को पकड़ने को 100 किलोमीटर पीछा कर पड़ना तब जा कर अल्ताफ को ग्रिफ्तार कर लिया।
फ्रॉर्ड का तरीका बदला
पुलिस ने अपनी प्रेस रिलीस मै बताया कि ं, सभी आरोपी 8 से 10 तक ही स्कूल जाते हैं, लेकिन इतना टेक्नोसेवी है कि एक पढ़े लिखे इनके सामने फेल है. पुलिस के अनुसार,ये गैंग यूपीआई पेमेंट पीतम गूगल पेय आदि के जरिए फ्रॉड करते थे, जिसमें लोगों को आसानी से उनके झांसे में आजाते थे, लेकिन अब इन लोग ने आने काम करने का तरीका बदल दिया है. अब ये गैंग वेब साइट बनाकर बल्क एसएमएस भेजते हैं, जिसमें बैंक तरह फर्जी वेबसाइट बना लेते थे और जैसे ही कोई शख्स गूगल पर बैंक से जुड़ी कोई भी जानकारी सर्च करता था. जैसे कोई उनके दौर दिए गए लिंक पर क्लिक करता है वो उनके दौर बनाये गए फेक वेब साइट पर पाउच जाता है जो कि बिल्कुल बैंक की वेबसाइट की कॉपी होती है वह से कस्टमर उनके जाल मैं फसने लगता ,9 राज्यों के 36 मामलों का खुलासा हुआ है. पिछल कुछ माह में 1.2 करोड़ अमाउंट की धोखाधड़ी की है. ये गैंग हर रोजन 400 से 500 फोन नम्बर पर कॉल करते थे, जिसमें 4 से 5 लोग फंस जात थे।