15 अगस्त के दिन भारत को अंग्रेजों की लंबी गुलामी से आजादी मिली थी। भारत इस साल अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। भारत को आजादी दिलाने के लिए हजारों लोगों ने बलिदान दिया था। कई सेनानी ऐसे रहे हैं जिन्हें आज की पीढ़ी भूल चुकी है। उनकी कुर्बानी को याद करने के लिए ही भारत के अलग-अलग हिस्सो में संग्रहालयों का निर्माण किया गया है। इस खास मौके पर यहां हम आपको ऐसे संग्रहालयों की जानकारी दे रहे हैं जो खासतौर पर भारत के स्वतंत्रता संग्राम की याद दिलाते हैं।
राजकीय संग्रहालय, मेरठ
मेरठ का राजकीय स्वतंत्रता संग्राम संग्रहालय 1857 की क्रांति के उन वीर क्रांतिकारियों के बारे में बताता है जिनको इतिहास ने भी भुला दिया था। इसमें देशभर के विभिन्न राज्यों के उन क्रांतिवीर के इतिहास को दिखाया गया है, जिनका नाम शायद हम लोग भूल चुके हैं। इसमें 10 मई 1857 से लेकर 1947 तक किए गए क्रांतिकारियों के अहम योगदान के बारे में बताया गया है।
अब्दुल रहमान साहिब म्यूजियम, त्रिशूर
अब्दुल रहमान साहिब म्यूजियम केरल के त्रिशूर जिले में स्थित है। यह स्थान मशहूर स्वतंत्रता सेनानी अब्दुल रहमान साहिब का घर हुआ करता था। अब इसे म्यूजियम में बदल दिया गया है। यहां डॉक्यूमेंट्री के जरिए अब्दुल रहमान साहिब और उनकी आजादी में योगदान के बारे में बताया जाता है।
स्वतंत्रता सेनानी म्यूजियम
लाल किले के उत्तर पूर्व में स्थित स्वतंत्रता सेनानी म्यूजियम स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा एक प्रमुख म्यूजियम है, 1995 में आर्कियालॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने भारतीय सेना से सलीमगढ़ किले का एक हिस्सा लेकर इसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया था।
आईएनए मेमोरियल, मणिपुर
यह एक वॉर मेमोरियल म्यूजियम है जो मणिपुर के मोइरंग शहर में स्थित है। यह म्यूजियम उस भारतीय सेना को समर्पित है जिसने सुभाष चन्द्र बोस की अगुवाई में अंग्रजों से लड़ाई लड़ी थी। 1968-69 में बने इस म्यूजियम में सुभाष चन्द्र बोस की मूर्ति भी लगी है।
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