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सोमवार, नवम्बर 25, 2024
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यूपी विधानसभा चुनावः इस बार एक भी गलती नहीं दोहराना चाहती उत्तर प्रदेश कांग्रेस, कइयों की हो सकती है छुट्टी, हाईकमान का फैसला केवल काम करने वालों को मिलेगा मौका

2014 के बाद से कई चुनावों में ऐसा देखा गया है कि कांग्रेस का राजनीतिक समय कुछ अच्छा नहीं चल रहा। पार्टी अपनी स्तिथि को मजबूत बनाने हेतु हर मुमकिन कोशिश करती नजर आई है, लेकिन फल स्वरूप अभी तक जीत का वह स्थान हासिल नहीं कर पाई जो कि 2014 से पहले कांग्रेस का हुआ करता था, लेकिन अब लगता है कि कांग्रेस अपनी किसी भी गलती को दोहराने नहीं चाहती और इसी को लेकर उत्तर प्रदेश चुनावों में भी कांग्रेस अपने जीत के प्रयासों में पहले से ही जुट गई है।

इसी को देखते हुए इस समय कांग्रेस की नजर उत्तर प्रदेश पर टिकी हुई है, जहां चुनावों को देखते हुए अब उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने कुछ फेरबदल की तैयारी कर दी है।

कांग्रेस का इस फेरबदल को लेकर कहना है कि जो पदाधिकारी चुनाव लड़ेंगे, उनकी जिम्मेदारियां कम की जाएंगी। वहीं, निष्क्रिय पदाधिकारियों को बाहर किया जाएगा। नई सूची पर मंथन चल रहा है, जल्द ही औपचारिक घोषणा होगी।

ऐसा देखा गया है कि जब से कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा यूपी की प्रभारी बनी हैं, तब से संगठन की सक्रियता पर विशेष जोर दिया जा रहा है। उनके समय में सबसे पहले प्रदेश कांग्रेस कमेटी को छोटा किया गया, ताकि चुनाव प्रबंधन या पार्टी के फैसलों को लेकर आसानी से बैठक की जा सके।

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गौरतलब है कि, कांग्रेस द्वारा अब तक कुल तीन बार कमेटी में बदलाव किए जा चुके है और हर बार देखा गया कि फेरबदल के साथ कुछ पदाधिकारियों को कमेटी से बाहर कर दिया गया। हटाए जाने वाले पदाधिकारियों के नामों का जिक्र नहीं किया जाता है। इस तरह के निर्णय का आधार सिर्फ निष्क्रियता बताया जाता है।

सूत्रों की माने तो, कांग्रेस हाईकमान के द्वारा प्रदेश कांग्रेस कमेटी में शामिल कई नेताओं को चुनाव लड़ने की हरी झंडी दी गई है। इनमें से कई नेताओं पर वर्तमान में 7-8 से ज्यादा जिलों का भी प्रभार है। जहां जाकर उन्हें किए गए कामों की रिपोर्टिंग हाईकमान को करनी होती है और चुनावों के दौरान तैयारियों में व्यस्त होने के चलते उन्हें इन जिलों की जिम्मेदारी निभाने में मुश्किल हो सकती है और इसकी वजह से यूपी में कांग्रेस की जीत पर यह असर डाल सकता है, इसलिए इन पदाधिकारियों के प्रभार वाले जिले में इनके भर को कम किया जा सकता हैं।

इतना ही नहीं इन चुनावों के दौरान कांग्रेस अलग ही मूड में नजर आ रही है, बताया जा रहा है कि संगठन का काम ठीक से न करने वाले और जन आंदोलनों से दूर रहने वाले पदाधिकारियों को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।

बताते चलें कि एक नेता ने अपने नाम की गोपनीयता को बनाए रखने के साथ पार्टी के फसलों की जानकारी देते हुए बताया था कि फेरबदल की सूची लगभग तैयार है और जैसे ही इसपर प्रियंका गांधी की औपचारिक मुहर लग जाती है, तो इसे जारी कर दिया जाएगा।

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