नई दिल्ली: लम्बे समय से देशभर में आ रहे धर्मांतरण के मामलों में एटीएस की टीम ने नोएडा में बड़ी कार्रवाई की है।
एटीएस की टीम ने अब्दुल्ला धर्मांतरण केस के मुख्यारोपी और एक हजार से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन कराने वाले उमर गौतम का बेटा है। जिसका काम धर्म परिवर्तन करने वाले लोगों को पैसा बांटना था। इसके लिए उसके बैंक खातों में विदेशों से धन आया था। एटीएस के द्धारा जारी प्रेस नोट के अनुसार 6 नवंबर को अब्दुल्ला की गिरफ्तारी नोएडा से की गई है।
आपको बता दें, धर्मांतरण के इस मामले का खुलासा जून 2021 में मौलाना उमर गौतम और जहांगीर की गिरफ्तारी के बाद हुआ था। जिसके बाद से इस मामले में लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं। इनके महाराष्ट्र नेटवर्क से जुड़े रामेश्वर कावड़े उर्फ आदम उर्फ एडम, भूप्रिय बंदो उर्फ अर्सलान मुस्तफा, कौशर आलम, हाफिज इंदरीश, मौहम्मद सलीम, धीरज जगताप, सरफराज जाफरी समेत 16 गिरफ्तारियां अभी तक की जा चुकी हैं। एटीएस के द्धारा उमर गौतम, जहांगीर आलम, मन्नू यादव उर्फ अब्दुल मन्नान, राहुल भोला उर्फ राहुल अहमद, इरफान शेख और सलाउद्दीन के खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की जा चुकी है।
धर्मांतरण वाले मामले में हो चुकी है 57 करोड़ की फंडिंग
एटीएस की जांच में खुलासा हुआ है कि धर्मांतरण के इस मामले के तार विदेशों से जुड़े हैं और बड़े पैमानें पर इस मामले में विदेशों से फंडिग की जा रही है। अभी तक विदेशों से हुई 57 करोड़ की फंडिग के साक्ष्य एटीएस को मिले हैं जो मौलाना उमर गौतम और उसके साथियों को हवाला व अन्य माध्यमों से की गई थी। इनके खातों में यूके, अमेरिका और अन्य खाड़ी देशों से भारी मात्रा में फंडिग की गई है।
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खबरों के मुताबिक, धर्मांतरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी के ट्रस्ट जामिया ईमाम वलीउल्लाह को लेकर भी एटीएस ने खुलासा किया था कि उसे भी बड़े पैमाने पर विदेश फंडिंग हई है।जिसके ट्रस्ट के खाते में 22 करोड़ रूपये की फंडिग के साक्ष्य मिले हैं। यह भी जानकारी मिली थी कि मौलाना कलीम के द्धारा नोएडा में भी करीब दो एकड़ जमीन खरीदी गई थी। कलीम ने कोरोना काल में इस जमीन के अलावा कुछ अन्य संपत्तियां भी खरीदी थीं। इनमें कुछ संपत्तियां कलीम ने अपनी ट्रस्ट के नाम और कुछ करीबियों के नाम खरीदी थीं। नोएडा में खरीदी गई जमीन की रजिस्ट्री के आधार पर आगे की छानबीन की जा रही है।
धर्मांतरण के मामले में नोएडा की डेफ सोसाइटी अहम केन्द्र थी, जहां पर 18 से अधिक मूक बधिर बच्चों का धर्म परिवर्तन कराने के साक्ष्य मिले थे। यहां पर मिले कश्मीर के बच्चों को लेकर भी एटीएस ने छानबीन की थी। डेफ सोसाइटी को लेकर लंबे समय तक एटीएस ने यहां पर छानबीन की थी। इसके शिक्षकों की भूमिका भी संदिग्ध मिली थी।