हर व्यक्ति के अपने जीवन में नवग्रहों की शुभता के लिए ज्योतिष शास्त्र में कई तरह के उपाय बताए गए हैं। ग्रहों की शुभता पाने के लिए उनसे जुड़े देवी-देवता की पूजा अत्यंत ही सरल एवं अचूक उपाय माना जाता है। सौर मंडल में सूर्य के बाद दूसरा बड़ा ग्रह शुक्र को माना जाता है और चंद्रमा के बाद सबसे ज्यादा चमकने वाला ग्रह भी शुक्र ही है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शुक्र को शुभ ग्रह के रूप में जाना जाता है। यह प्यार, रोमांस, वैवाहिक सुख, शोहरत, कला और सौन्दर्य का कारक है। कुंडली में शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी माना जाता है और इसकी उच्च राशि मीन और नीच राशि कन्या है। ज्योतिष के मुताबिक, नवग्रहों में बुध और शनि इसके मित्र और सूर्य व चंद्रमा शत्रु ग्रह माने गए हैं। भारत के शीर्ष ज्योतिषियों से ऑनलाइन परामर्श करने के लिए यहां क्लिक करें!
शुक्र का ज्योतिष में महत्व
किसी व्यक्ति की कुंडली में अगर शुक्र मजबूत होता है तो व्यक्ति का रूप रंग बहुत खूबसूरत और आकर्षक होता है साथ ही विपरीत लिंग के लोग इस तरह के लोगों की ओर आकर्षित होते हैं। इस तरह के लोग मृदुभाषी और कलाक्षेत्र से जुड़े होते हैं और प्रेम जीवन और वैवाहिक जीवन खुशहाल रहता है।
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वहीं जिस व्यक्ति की कुंडली में कमजोर शुक्र नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। इनमें अधिकतर लोग त्वचा संबंधी समस्याएं और प्रजनन संबंधी समस्याएं पैदा कर देते हैं। ऐसे लोगों को प्रेम और वैवाहिक जीवन में संघर्ष करना पड़ता है। इनका अपने जीवनसाथी के साथ मन मुटाव और मतभेद बना रहता है। यही कारण है कि जन्म कुंडली में शुक्र के स्थान को जानना अति महत्वपूर्ण है, और आप शुक्र के कमजोर स्थिति में होने और उसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए ज्योतिष उपाय कर सकते हैं।
कुंडली में शुक्र ग्रह के कमजोर होने के संकेत
- अगर जातक के जीवन में आर्थिक परेशानियां आने लगे, तो यह शुक्र ग्रह कमजोर होने का संकेत है।
- घर में दरिद्रता आने पर भी कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर होने की निशानी है।
- जब व्यक्ति के मान-सम्मान में कमी आने लगे तो समझ लेना चाहिए कि जातक की कुंडली में शुक्र ग्रह कमजोर है।
- वैवाहिक जीवन में तनाव आने लगे या फिर व्यक्ति को जीवन में स्त्री सुख मिलना बंद हो जाए तो यह शुक्र ग्रह के कमजोर होने का संकेत है।
कमजोर शुक्र के उपाय
- कमजोर शुक्र के दुष्प्रभाव को दूर करने के उपाय
शुक्र को मजबूत करने के लिए सफेद रंग के घोड़े का दान करना चाहिए। - शुक्रवार के दिन रंगीन वस्त्र, रेशमी कपड़े, घी, सुगंध, चीनी, खाद्य तेल, चंदन, कपूर का दान शुभ रहता है।
- शुक्र की दशा में सुधार के लिए मिठाई, खीर कौओं को खिलानी चाहिए।
- अपने भोजन का एक हिस्सा गाय को निकालकर खिलाना चाहिए।
- शुक्र को मजबूत बनाने के लिए सुगंध, घी और सुगंधित तेल का प्रयोग नहीं करना चाहिए।
- शुक्रवार के दिन काली चीटियों को चीनी खिलाना चाहिए।
- किसी काने व्यक्ति को शुक्रवार के दिन सफेद वस्त्र और मिठाई दान करनी चाहिए।
- शुक्र के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए यदि आपको किसी कन्या का कन्यादान करने को मिले तो स्वीकार कर लेना चाहिए।
- शुक्र को शांत कराने के लिए पानी में बड़ी इलायची उबालें और इसे नहाने के पानी में मिलाएं।
- अनुकूल परिणाम प्राप्त करने के लिए अपने घर में पूजा स्थल पर शुक्र के यंत्र की स्थापना करें।
- शुक्र के दुष्प्रभाव को खत्म करने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
- हर शुक्रवार को लक्ष्मीनारायण मंदिर जाना चाहिए और लक्ष्मी चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- जातक को शुक्र की दशा में सुधार के लिए एक हीरे की अंगूठी या आभूषण पहनना चाहिए।
- ग्रह के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के लिए हर दिन या शुक्रवार को शुक्र मंत्र का जप करना चाहिए।
शुक्र का वैदिक मंत्र –
- ऊँ अन्नात्परिस्रुतो रसं ब्रह्मणा व्यपिबत क्षत्रं पय: सेमं प्रजापति: ।
- ऋतेन सत्यमिन्दियं विपान ग्वं, शुक्रमन्धस इन्द्रस्येन्द्रियमिदं पयोय्मृतं मधु ।।
शुक्र का तांत्रिक मंत्र
- ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम:।
शुक्र का बीज मंत्र
- ओम द्राँ द्रीं द्रों सः शुक्राय नमः।
शुक्र का जाप मंत्र
- हिमकुंद मृणालाभं दैत्यानां परमं गुरुम् ।
सर्वशास्त्र प्रवक्तारं भार्गवं प्रणमाम्यहम् ।।
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